देहरादून: उत्तराखण्ड की जनता, कर्मचारी, अधिकारी, जनप्रतिधि तथा मंत्रीगण बधाई के पात्र है जिनके प्रयासों से 2013 की आपदा जैसी भयकर तबाही के बाद भी आज राज्य सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में अग्रणी है। हम खुशहाल, प्रगतिशील व विकसित उत्तराखण्ड बनने की ओर अग्रसर है। उत्तराखण्ड पूरे देश में तमिलनाडु के बाद दूसरा एकमात्र राज्य बन गया है जिसकी 90 प्रतिशत जनसंख्या अन्न सुरक्षा पा रही है। उत्तराखण्ड के समाज का कोई भी कमजोर हिस्सा ऐसा नही है जिसे राज्य सरकार द्वारा पेंशन के रूप में कोई आर्थिक सहायता नही दी जा रही हो । राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है कि सामाजिक पेंशन पाने वाले लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक की जायेगी। आर्थिक स्वालम्बन ही महिला सशक्तीकरण की कुंजी है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपरोक्त विचार रविवार को धर्मपुर के अन्र्तगत मोथरोवाला में वैली ब्रिज, धर्मपुर में आन्तरिक सड़क, नालियों एवं पुलियों, दीपनगर वार्ड नं0-35 के आन्तरिक मार्गाे एवं के0सी0 डेªन के शिलान्यास के अवसर पर व्यक्त की।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्थानीय जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि धर्मपुर क्षेत्र में तेजी से चल रहे विकास कार्य देहरादून के लिए एक आदर्श का कार्य करेगंे। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखण्ड की जनता के परिश्रम का ही फल है कि 2013 की भयंकर त्रासदी के बाद भी आज सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों मे अग्रणी स्थान पर है। विभिन्न स्वंत्रत संस्थाओं व अन्र्तराष्ट्रीय संगठनों के अध्ययन सेे यह परिणाम निकले है। नीति आयोग ने कहा है कि देश के ऐसे 6 राज्य जो 12 प्रतिशत से अधिक वृद्धिदर से विकास कर रहे है उनमें उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण स्थान है। विश्व बैंक ने घोषित किया है कि भारत में उत्तराखण्ड राज्य में उद्योग व व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुकूल व अच्छा वातावरण है तथा इस सन्दर्भ में उत्तराखण्ड का स्थान प्रथम है। हाल ही में ऐसाचैम ने कहा कि उत्तराखण्ड तेजी से विकसित होने वाले राज्यों में अग्रणी है।
मुख्यंमत्री श्री रावत ने उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम मातृ शक्ति का सम्मान करते है। आज राज्य सरकार जन्म से वृ़द्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ है। राज्य सरकार कन्या जन्म पर निर्धन परिवारों को 5000 रूपये प्रदान करती है। बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए गौरादेवी योजना संचालित है। लड़कियों के विवाह के अवसर पर नन्दा देवी योजना के अन्र्तगत निर्धन वर्ग की लड़कियों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। गर्भावस्था में उनकों पौष्टिक अनाज व अन्य सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है इनमें आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा पेंशन उपलब्ध करवायी जा रही है। वृद्ध महिलाओं को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी गयी है साथ ही मेरे बुर्जुग मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत उन्हें चारधाम यात्रा निःशुल्क करवायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कमजोर बच्चों को आंगनबाडी के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अनुरोध किया कि कमजोर बच्चों को आंगनबाड़ी में ले जाया जाय। निर्धन विधवा महिलाओं को गंगा गाय योजना के अन्र्तगत गाय प्रदान की जा रही है। इन्दिरा अम्मा भोजनालय योजना महिलाओं के लिए संचालित की गयी है। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थानीय उत्पादों को बेचने के प्रयासो को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 5000 रूपये की आरम्भिक राशि से महिला मंगल दलों के खाते खोले जायेगे। व्यवसायिक गतिविधियाॅं आरम्भ करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 20 से 25 हजार तक का अनुदान प्रदान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की सामाजिक पेंशन समाज के प्रत्येक कमजोर वर्ग को प्रदान की जा रही है। दो साल पहले तक राज्य में सामाजिक पेंशनो को प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 1.84 लाख थी जो अब 7 लाख से ऊपर हो गयी है। राज्य सरकार का लक्ष्य इन पेशंन लाभार्थियों की संख्या 10 लाख तक करने का है। पहले मात्र 1000 रूपये की आमदनी वाला व्यक्ति पेंशन का पात्र था लेकिन राज्य सरकार ने आय सीमा को बढ़ाकर अब 4000 रूपये कर दिया है। देश में अन्य कोई ऐसा राज्य नही है जो अपनी जनता को इतनी प्रकार की पेंशन प्रदान करता हो। वास्तव में राज्य सरकार इन पेंशनों के माध्यम से राज्य के कमजोर व असहाय जनता में एक सुरक्षा की भावना उत्पन्न करता चाहती है ताकि वह किसी भी परिस्थिती में स्वयं को अकेला अनुभव न करे। जनता को यह विश्वास रहे कि राज्य सरकार उनके साथ एक मददगार की तरह उनके साथ है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार इस वर्ष युवाओं को 30000 नौकरियाॅ देने जा रही है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। राज्य सरकार द्वारा एक अभियान चलाकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अन्र्तगत बैकलाॅग रिक्तियों को भरा जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह प्रसन्नता कि बात है कि आज उत्तराखण्ड राज्य 13-14 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से विकास कर रहा है तथा आशा है कि 2018-19 तक यह वृद्धि दर 18 प्रतिशत से अधिक हो जायेगी। श्री रावत ने जनता से अपील कि हम सभी को आपसी मतभेदों को भुलाकर गरीबी, शिक्षा व पिछडे़पन के खिलाफ लड़ना है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने भी स्थानीय जनता को सम्बोधित किया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न सामाजिक पंेशनों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यंमत्री श्री रावत ने कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रवासियों द्वारा की गयी विभिन्न मांगो का अनुमोदन किया जिनमें प्रमुख है, दीपनगर सृष्टि विहार में क्षतिग्रस्त पी0वी0सी0 पाईप लाईनों को बदलने का कार्य, चांचक में नलकूप निर्माण तत्सम्बन्धी कार्य एवं कम क्षमता तथा क्षतिग्रस्त पाईप लाईनों को बदलने का कार्य, गंगा इन्क्लेव चाणक्यपुरी, अजबपुर कंला मोथरोवाला रोड़ पर स्थित कालोनियों में कम क्षमता व क्षतिग्रस्त पाईप लाईनों को बदलने का कार्य, दुधादेवी में नलकूप निमार्ण, क्षेत्र के कब्रिस्तानों में 10 हाईमास्क लाइट, 05 किलोमीटर नालों पर पुश्तों का निर्माण, ग्रामसभा चन्द्रबनी खालसा में खाली पड़ी भूमि पर खेल मैदान का निर्माण, क्षेत्र में सिंगल फेस से थ्री फेस का कार्य एवं 200 पोल लगाये जान का कार्य आदि है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य राजेश परमार, पूर्व प्रधान मोथोरावाला मामचन्द, प्रधान मोथरोवाला नवीन क्षेत्री, प्रधान सेवलाखुर्द हरी प्रसाद भटट्, प्रधान मोहब्बेवाला बीरेन्द्र कुमार, उपाध्यक्ष कैन्ट बोर्ड सुनील कुमार, मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, खण्ड विकास अधिकारी रायपुर सुमन कुटियाल तथा बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित थी।