देहरादून: फार्मासिस्टों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाय। इसके लिये पूर्व में गठित मेडिकल भर्ती बोर्ड के द्वारा भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाय। राज्य के विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में रेडियोलाॅजिस्ट व एनेस्थेटिक चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। बीजापुर हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने व आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर मंथन किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था में आशा कार्यकत्रियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके लिए घोषित किया गया मानदेय सभी आशा आर्यकत्रियों को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। इस बात की सम्भावना का अध्ययन कर लिया जाए कि अनुभवी फार्मासिस्ट जिनकी सेवाएं 15 वर्ष से अधिक हो गयी हैं, को दूर देराज के अस्पतालों में सामान्य बीमारियों के लिये शैड्यूल एच की वह दवाएं जो अधिक हानिकारक नहीं है, देने की परमिशन दी जा सकती हो। फार्मासिस्टों को प्राईमरी हैल्थ केयर व फस्र्ट एड की तीन से छः माह की टेªनिंग दी जाय। तुलनात्मक रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों को चयनित कर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जाय।