देहरादून: प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा सभा कक्ष में कोटेश्वर बांध प्रभावित विस्थापितों की समस्या के सन्दर्भ में बैठक हुई। सन 1990 से 95 के दशक में टी0एच0डी0सी0 भूमि पर प्रभावितों ने 36 दुकानों का निर्माण किया था।
विभिन्न बैठकों में निर्धारित हुआ था कि इसका विस्थापन नहीं हो सकता है। प्रभावितों की मांग है कि, उन्हें दुकान के निर्माण लागत की क्षतिपूर्ति दी जाय। बैठक में प्रभावितों ने तर्क दिया कि टी0एच0डी0सी0 ने विभिन्न बैठकों में यह स्वीकार किया कि जिस समय यह दुकान नियमित हो रही थी उस समय न तो टी0एच0डी0सी0 को और न ही प्रभावितों को पता था कि यह भूमि टी0एच0डी0सी0 ने अधिग्रहण कर लिया। इस प्रकरण में सकारात्मक रूख दर्शाते हुए मंत्री ने समन्वय समिति की बैठक में प्रकरण के निस्तारण का निर्देश दिया। इसके अतरिक्त 50 ग्रामों, नन्द ग्राम, शीला उप्पू, पीपोला, रौला कोट सहित अन्य ग्रामों के 415 परिवारों के विस्थापन का प्रकरण समन्वय समिति में निस्तारित करने का निर्देश दिया।
बांध के झील से होने वाले प्रभावितों के नुकसान का निरीक्षण संयुक्त विशेषज्ञ टीम द्वारा किया जाता है। उक्त निरीक्षण की आवृत्ति में वृद्धि करने का भी निर्देश दिया गया।
मंत्री ने कहा की पावर ग्रिड कारपोरेशन द्वारा सौटियाल ग्राम में लगाये गये टावर से होने वाले नुकसान पर नियंत्रण किया जाय। इसके पूर्व टावर के करंट से अग्नि काण्ड एवं अन्य नुकसान हो चुका है। इससे ग्रामीणों में दहशत है। इस पर प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया।
बैठक में आयुक्त गढ़वाल दिलीप जावलकर और टी0एच0डी0सी0 के अधीक्षण अभियन्ता एम0सी0पाण्डे, अधीशासी अभियन्ता सुबोध मैठाणी, कोटेश्वर बाॅंध के महाप्रबन्धक कृष्ण सिंह इत्यादि मौजूद थे।