देहरादून: उत्तराखण्ड परिवहन निगम को मई माह के अंत तक 400 नई बसें मिल जाएंगी। निगम 5 निर्भया बसें भी लेने जा रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत बीजापुर हाउस में
परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ निगम की माली हालत को सुधारने के उपायों पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने नई बसों के क्रय में पूरी पारदर्शिता बरतने व निगम के ड्राईवरों व कंडक्टरों कां इंसेंटिव देने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम को प्रोफेशनल बनना होगा। विदआउट टिकट व बिना भुगतान किए सामान भेजे जाने के मामलों को सख्ती से रोका जाए। पुरानी व बेकार बसों के स्क्रेप की नीलामी तय मानकों व नियमावली के अनुरूप सुनिश्चित किया जाए। बसों के साथ ही ड्राईवरों के भी लगातार फिटनेस टेस्ट करवाए जाएं। अन्य राज्यों के साथ होने वाले विवादों को रोकने के लिए सभी संबंधित राज्यों के साथ समझौते किए जाएं।
बैठक में बताया गया कि 400 नई बसों का क्रय किया जाना है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया में है। सम्भवतः 31 मार्च तक 50 प्रतिशत नई बसें व 15 मई तक शेष 50 प्रतिशत बसें खरीद ली जाएंगी। इन बसों में जीपीएस सिस्टम व सीसीटीवी की सुविधाएं होंगी। मुख्यमंत्री जी के निर्देशों पर जब से बस चालकों के अधिकतम ड्यूटी अवर्स तय किए गए हैं तब से इसके सकारातमक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान में मैदानी क्षेत्रों में 6 हजार किमी चलने पर लगभग 8700 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में 4800 किमी पर ही 7200 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। हाल ही में हर डिपो में नेत्र परीक्षण शिविर लगाए गए हैं। उत्तराखण्ड परिवहन निगम का राजस्थान, मध्य प्रदेश व पंजाब के साथ करार हो चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश व दिल्ली के साथ भी जल्द ही करार कर दिया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि नेपाल के लिए कम से कम 2 बसों का संचालन किया जा सके।
बैठक में मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, उत्तराखण्ड राज्य परिवहन सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता, सचिव चंद्र सिंह नपलच्याल, उत्तराखण्ड परिवहन निगम के एमडी बृजेश संत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।