देहरादून: 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य इस वर्ष अक्टूबर में प्रदेश के भ्रमण पर आयेंगे। आयोग प्रदेश के वित्तीय आय-व्यय के साथ ही आर्थिक संसाधनों की समीक्षा करेगा। 15वें वित्त आयोग को इस माह में राज्य के आर्थिक संसाधनों एवं वित्तीय आय-व्यय आदि का विस्तृत विवरण तैयार कर प्रेषित किया जाना है। इस संबंध में सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत एवं सलाहकार वित्त श्री इंदु कुमार पाण्डे के साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 15वें वित्त आयोग को प्रस्तुत किये जाने वाले विवरण में, 14वें वित्त आयोग में हुए बेसिक परिवर्तन के कारण राज्य को हो रही कठिनाइयों का विस्तृत उल्लेख किया जाए। इस विवरण में अबतक राज्य को हुई आर्थिक हानि का आकलन कर इसकी भरपायी के लिये भी ठोस प्रस्ताव तैयार किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनावरण के साथ ही पर्वतों एवं ग्लेशियरों को भी इससे जोडने की बात इसमें सम्मिलित की जानी चाहिए। इससे ग्रीन बोनस का हमारा पक्ष भी मजबूत हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह भी देखना होगा कि हमारी हिस्सेदारी केन्द्रीय करो में किस प्रकार और अधिक बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि हमारी प्राकृतिक भौगोलिक परिस्थिति, भागीरथी ईको सेंसटिव जोन, सेन्चुरीज, आदि के कारण अनेक जल विद्युत परियोजनां रूकी है। इससे हमारा ऊर्जा प्रदेश का सपना अधूरा रहने के साथ ही राज्य की आर्थिकी को भी नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य की फ्लोटिंग पापुलेशन आपदा प्रभावित क्षेत्र आदि के कारण राज्य को हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई का भी इसमें उल्लेख किया जाना भी उपयुक्त होगा। प्रदेश की विपरीत भौगोलिक परिस्थिति के कारण अन्य राज्यों की अपेक्षा अपनी आय व्यय के अन्तर की भरपाई के लिये इसमें राज्य का पक्ष मजबूती से रखने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हिमांचल प्रदेश को मिल रही सुविधाओं तथा उनके द्वारा दिये जाने वाले तथ्यों आदि का भी अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 15वें वित्त आयोग के सभी मानको का बिन्दुवार अध्ययन कर सभी तथ्यों का इसमें समावेश करते हुए रिपोर्ट तैयार की जाए।
इस संबंध में सलाहकार वित्त श्री इंदु कुमार पाण्डे ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 15वें वित्त आयोग को प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट में सभी तथ्यों का समावेश किया जायेगा। आयोग से प्रदेश के संसाधनों की कमी के दृष्टिगत रेवन्यू डेफसिट ग्रांट उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य का बडा भू-भाग वनावरण माउण्टेन ग्लेश्यिरों व सेन्चुरीज आदि के अधीन होने के कारण ग्रीन बोनस की मांग प्रमुख रूप से रखी जायेगी।