देहरादून: प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 18 मार्च तक सी-विजिल एप पर कुल 857 शिकायतें प्राप्त हुईं जिनका 100 प्रतिशत का निस्तारण कर दिया गया है। 87 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण निर्धारित 100 मिनिट की अवधि में कर दिया गया। टोल फ्री नम्बर 1950 पर 33 हजार काॅल प्राप्त हुई हैं। मंगलवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में आयोजित प्रेस कान्फे्रंस में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने यह जानकारी दी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वलनीरेबल व क्रिटीकल पोलिंग बूथ पर मतदान के दिन वेबकास्टिंग की जाएगी। आचार संहिता लागू होने के बाद से अभी तक 13646 लीटर शराब जब्त की गई है। इसी प्रकार ऊधमसिंह नगर में 25 लाख 75 हजार 200 रूपए व चम्पावत में 1 लाख 18 हजार 950 रूपए की नकद राशि जब्त की गई है। बैंकों को निर्देश दिए गए कि बैंक खातों में कोई संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी दी जाए। वर्तमान में 11235 पोलिंग बूथ हैं। इनकी संख्या बढ़ भी सकती है। आक्सीलरी बूथ का भी प्राविधान किया जाएगा। ईवीएम मशीनों को जिन वाहनों में ले जाया जाएगा उनकी जीपीएस ट्रेकिंग की जाएगी। ईवीएम मशीनों के प्रथम चरण रेंडमाईजेशन की प्रक्रिया हो चुकी है। इस बार शतप्रतिशत वीवीपीएटी का प्रयोग किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग के साथ भी समन्वय किया गया है। जौलीग्रान्ट, पंतगनर व पिथौरागढ़ में एयर इंटेलीजेंस यूनिट बनाई गई हैं। इसी प्रकार 5 क्विक रेसपोंस यूनिट गठित की गई हैं। अल्मोड़ में 1 व अन्य लोकसभा क्षेत्रों में 2-2 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इस प्रकार राज्य के पांच लोकसभा क्षेत्रों में कुल 9 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। राज्य में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र व्यय संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किए गए हैं। इनमें नैनीताल-ऊधमसिंहनगर में 6, हरिद्वार में 2, टिहरी व पौड़ी में 1-1 हैं। व्यय पर नजर रखने के लिए कुल 730 टीमें गठित की गई हैं। इनमें एफएसटी 249, एसएसटी 215, वीएसटी 126, वीवीटी 70 व एकाउंट की 70 टीमें शामिल हैं।
आईजी श्री दीपम सेठ ने निर्वाचन में किए जा रहे सुरक्षा बंदोबस्त पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस विभाग द्वारा निष्पक्ष व निर्विघ्न चुनाव सम्पन्न कराने के लिए रणनीतिक नियोजन किया है। इसकी तैयारी आचार संहिता लागू होने से पहले से ही शुरू कर दी गई थी। पुलिस महानिदेशक स्तर पर इसकी समीक्षा की गई है। पोलिंग बूथों पर पुलिस अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत भ्रमण किया गया और उसके आधार पर पूरी तैयारियां की गईं। 704 बूथ वलनीरेबल व 1200 क्रिटीकल के तौर पर चिन्हित किए गए हैं। वलनीरेबल बूथ पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल व क्रिटीकल बूथ पर पीएसी अतिरिक्त रूप से तैनात की जाती है।
आईजी श्री दीपम सेठ ने बताया कि निर्वाचन की पुख्ता तैयारी के लिए पुलिस विभाग में मेनपावर आॅडिट किया गया। लगभग 16 हजार राज्य पुलिस बल चुनाव ड्यूटी में रहेंगे। इसमें सभी रैंक के अधिकारी व पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस बार की खास बात ये है कि महिला फोर्स भी बड़ी संख्या में लगाई जाएगी। 270 महिला एसआई, 1900 महिला कान्सटेबल व पीएसी की 2 महिला कम्पनी लगाई जा रही हैं। चुनाव ड्यूटी में राज्य के 4500 होमगार्ड तैनात रहेंगे। इसके अतिरिक्त 13 हजार होमगार्ड मुख्यतः उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व राजस्थान से मांगे गए हैं। पीआरडी व वन से 5 हजार व एसडीआरएफ के 300 कर्मी ड्यूटी में लगाए जा रहे हैं। राज्य की आवश्यकता के अनुसार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 30 कम्पनियां आ चुकी हैं जबकि 35 कम्पनियां और मिलेंगी।
चुनाव ड्यूटी में लगे सभी पुलिस कर्मी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इसके लिए पूरी व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश से लगी अंतर्राज्यीय सीमा पर 98 बैरियर लगाए गए हैं। यहां चुनाव के दृष्टिगत चेकिंग शुरू भी हो गई है। सीसीटीवी भी प्रयोग किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ 20 बैठकें की जा चुकी हैं। एक काॅमन एक्शन प्लान तैयार किया गया है। आपस में सूचनाएं साझा करने के लिए वायर लैस का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा वाट्सएप गु्रप भी बनाए गए हैं ताकि सूचनाएं त्वरित रूप से भेजी जा सकें। नेपाल से लगी सीमाओं पर सामान्य तौर पर भी केंद्रीय बलों द्वारा अनवरत चेकिंग की जाती रहती है। निर्वाचन के दौरान अतिरिक्त फोर्स भी आवश्यकता होने पर तैनात की जाती है।
राज्य में एक प्रभावी पुलिस प्रबंध के माध्यम से आदर्श आचार संहिता अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। दूरस्थ व हिमाच्छादित क्षेत्रों में जहां संचार के सामान्य साधन नहीं हैं उन क्षेत्रों को शैडो एरिया के तौर पर चिन्हित करते हुए वैकल्पिक कम्यूनिकेशन प्लान तैयार किया गया है। ऐसे लगभग 350 शैडो एरिया चिन्हित किए गए हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद से 18 मार्च तक 24825 लाईसेंसी शस्त्र जमा कराए जा चुके हैं। 107/116 द0प्र0सं0 के तहत 19980 व्यक्तियों के चालान किए जा चुके हैं जबकि 6074 को पाबंद किया गया है। 215 लोगों का गुंडा एक्ट में दर्ज किया गया है। इनका जिला बदर कराया जाएगा।