देहरादून: जिलाधिकारी रविनाथ रमन की अध्यक्षता में विकासभवन सभागार में जिला योजना, वाहय योजना, केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की गयी।
बैठक की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी रविनाथ रमन द्वारा जिला योजना में शासन द्वारा अवमुक्त धनराशि 23 करोड़ 21 लाख के सापेक्ष जिलाधिकारी द्वारा 14 करोड़ की धनराशि ही अवमुक्त की गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये हैं कि जिन विभागों ने अभी तक अपने-2 विभागों से सम्बन्धित विकास योजनाओं की धनराशि अवमुक्त नही कराई है तथा इसके प्रस्ताव जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को उपलब्ध नही कराये है, वे एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को उपलब्ध करा दें। उन्होने कहा कि एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव उपलब्ध न होने की दशा में सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। उन्होने जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन विभागों के प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध नही होगें ऐसे विभागों/विभागीय अधिकारियों की सूची तैयार कर उन्हे उपलब्ध करा देें ताकि उनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन विभागों को धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है वह महत्वपूर्ण विकास के कार्यो को प्राथमिकता से करते हुए धनराशि इसी माह तक अनिवार्यरूप से व्यय करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में व्यय की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन विभागों द्वारा धनराशि पूर्ण व्यय नही की गयी है, ऐसे विभागों को चेतावनी देते हुए इसी माह व्यय करने के निर्देश दिये, ऐसा न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध प्रतिकूल प्रविष्ठि दर्ज करने की चेतावनी दी। माध्यमिक शिक्षा की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये हैं कि जो स्कूल जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण अवस्था में ऐसे स्कूलों हेतु आगणन कर ऐसे भवन के मरम्मत कार्य प्राथमिकता से कराना सुनिश्चित करें, इसके लिए उन्होने धनराशि जिला योजना, विधायक निधि एवं मनरेगा से रखने के निर्देश दिये। राज्य योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये इस योजना के अन्तर्गत जो भी विकास कार्य संचालित हो रहे हैं उन्हे प्राथमिकता से कराते हुए अवमुक्त की गयी धनराशि का व्यय करना सुनिश्चित करें।
बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उत्तराखण्ड प्रदेश में जनपद देहरादून द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सीभी अधिकारियों को बधाई दी तथा भविष्य में ए श्रेणी में रहने के लिए कार्य करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी द्वारा महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की समीक्षा करते हुए सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे इस योजना के तहत प्राथमिकता से उन योजनाओं का चयन किया जाये, जिसमें चैक डेम, चाल-खाल, तालाब निर्माण कार्य, भूमि सुधार कार्य, वृक्षारोपण का कार्य तथा जल स्त्रोतों को रिचार्ज करने हेतु कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जल स्तर गिरता जा रहा है तथा जलस्त्रोतों को रिचार्ज करने हेतु प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने पर बल दिया ताकि जल स्त्रोत रिचार्ज हो सके। उन्होने भूमि कटान को रोकने के लिए व्यापक रूप से वृक्षारोपण करने हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने फूलों की खेती एवं राजमा, अन्य खेती सामुदायिक कार्य को प्राथमिकता से रखने के निर्देश दिये। उन्होने निर्देश दिये कि उपरोक्त कार्यों के प्रस्ताव के बाद ही सी.सी मार्ग, खडजां, पैदल मार्ग के प्रस्ताव शामिल किये जाये । उन्होने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत जो व्यक्ति रोजगार के लिए आवेदन करता है उन्ही व्यक्त्यिों को जाब कार्ड निर्गत करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी ग्राम पंचायतों अनिवार्यरूप से शौचालय प्राथमिकता से बनाये जाये तथा जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं स्कूलों में शौचालय नही है वहां प्राथमिकता से शौचालय निर्माण कराने के निर्देश दिये तथा शौचालयों में पानी की पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी ग्राम पंचायतों में सामुहिक शौचालय बनाने के निर्देश दिये उन्होने कहा कि शौचालय ऐसे स्थान पर ही बनाये जाएं जहां पानी की व्यवस्था हो।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए राजेन्द्र सिंह रावत, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी बलवंत सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी एस.ज्योति कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वाई.एस थपलियाल, जिला उद्यान अधिकारी एस.के श्रीवास्तव सहित समस्त जिलास्तरीय अधिकारी सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित थे।