देहरादून: दून मेडिकल कालेज की स्थापना का टाईम फ्रेम तय कर दिया गया है। एमसीआई (मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया) के मानक के अनुसार नवम्बर तक सभी निर्माण के कार्य पूरे कर लिये जायेंगे। उपकरणों और फर्नीचर की खरीद कर ली जायेगी। फैकल्टी का चयन कर लिया जायेगा। इससे पहले प्रिंसिपल की नियुक्ति कर दी जायेगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ये निर्णय लिये गये।
सचिवालय में गुरूवार को आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने टाइम फ्रेम तय किया। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल कालेज के लिए 114 करोड रूपये की स्वीकृति भी प्रदान की। उन्हेांने सख्त हिदायत दी कि एक महीने में दून चिकित्सालय में इंजीनियरिंग विधि से 10 शैय्याओं की व्यवस्था करे। एमसीआई मानक के अनुसार 300 बेड होने चाहिए। अभी दून अस्पताल में 10 बेड की कमी है। इसके साथ ही एक महीने में ही रैम्प की व्यवस्था और दून महिला व पुरूष चिकित्सालय में बेड की दूरी 1.5 मीटर पर किया जाय। निर्माणाधीन भवन का निर्माण, बिजली, पानी, छात्रावास और आवास का निर्माण कार्य भी 30 सितम्बर तक पूरा कर लिया जाय। एमसीआई के मानक के अनुसार फैकल्टी के 65 पद, रेजिडंेट डाक्टरों के 46 पद, पैरामेडिकल के 100 पद और नर्स के 175 पदों पर तैनाती भी एक माह में करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फर्नीचर और उपकरण की खरीद पारदर्शी प्रक्रिया से तीन महीने में पूरा कर लिया जाय।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि 15 दिन में चिकित्सा शिक्षा विभाग संशोधित नियमावली तैयार कर लें। प्रिंसिपल, फैकल्टी, पैरा मेडिकल स्टाफ के चयन के लिए नियमानुसार कमेटी बना लें। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक प्रो. आशुतोष स्याना को दून मेडिकल कालेज का कार्यवाहक निदेशक बनाया गया है। इन्हीं की निगरानी में सभी कार्य होंगे। साप्ताहिक माॅनिटरिंग की जिम्मेदारी भी प्रो. स्याना की होगी। चिकित्सा शिक्षा सचिव आर.के.सुधांशु, अपर सचिव नीरज खैरवाल पाक्षिक माॅनिटरिंग करेंगे। प्रगति की मासिक समीक्षा मुख्य सचिव खुद स्वयं करेंगे।