देहरादून: मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में इन्वेस्टर समिट के दौरान हुए एमओयू की फाॅलोअप की समीक्षा बैठक की। उन्होंने उद्योग विभाग के माॅनिटरिंग और फाॅलोअप सेल को निवेशकों से निरन्तर संपर्क कर उनकी समस्या हल करने के निर्देश दिये। उन्होंने उद्योगों की स्थापना निर्धारित समय अनुसार करने के निर्देश दिये।
इन्वेस्टर समिट में अब तक 602 निवेशकों द्वारा 1 लाख 24 हजार करोड़ के निवेश का एमओयू किया गया है। मुख्य सचिव द्वारा इन्वेस्टर समिट से अब तक किये गये 9 हजार 5 सौ 30 करोड़ रु0 की लागत के क्रियान्वित हुए एमओयू पर विस्तार से परियोजनावार चर्चा की गयी। तथा आगामी तीन माह के लिए निर्धारित लक्ष्य 10 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्हें समयबद्वता से स्थापित करने के सम्बन्ध में विभागीय नोडल अधिकारियों से चर्चा की। बैठक में आई.टी सचिव आर.के सुधांशु ने आयुष एवं सूचना प्रौद्योगिकी के प्राप्त प्रस्तावों की प्रगति पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया की आई.टी में 2 परियोजनाओं में कार्य गतिमान है, तथा 6 प्रस्ताव CAF में शीघ्र भरे जाने है। उन्होंने बताया की आयुष में 211.5 करोड़ लागत के प्रस्ताव आए है जिनमें से एक में कार्य संचालित है तथा 7 प्रस्ताव 3 माह में क्रियान्वित तथा 1 प्रस्ताव 6 माह में क्रियान्वित होगा।
अपर सचिव/निदेशक सौर ऊर्जा आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि पिथौरागढ़़ जनपद की तीन लघु जल विद्युत परियोजनाओं के आबंटन हेतु निविदा आगामी सप्ताह तक आमंत्रित कर ली जायेगी। उन्होंने बताया कि 40 मेगा वाॅट की इन तीनो परियोजनाओं की निर्माण लागत लगभग 400 करोड़ है। उन्होंने बताया की पर्वतीय क्षेत्र में यहां के स्थानीय निवासियों के माध्यम से 200 मेगा वाॅट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना सम्बन्धित निविदाओं की कार्यवाही गतिमान है, जिसमें 800 करोड़ निवेश की संभावना है। निदेशक उद्योग डा. सुधीर नौटियाल ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग में 4000 हजार करोड रूपये के निवेश प्रस्ताव पर क्रियान्वयन प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने अवगत कराया कि निवेशकों की समस्याओं को वन विन्डो प्रणाली से तुरन्त समाधान किया जा रहा है और सभी निवेशकों को यथा शीघ्र सिंगल विन्डो में CAF आवेदन File करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।