22 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

WHO की चेतावनी- कोरोना महामारी के सबसे खतरनाक दौर में दुनिया, वैक्‍सीन निर्माताओं से की ये अपील

देश-विदेश

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने कोरोना वैरिएंट डेल्‍टा के प्रसार को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि दुनिया कोविड-19 महामारी के एक बहुत ही खतरनाक दौर में है, जहां डेल्टा जैसे संस्करण जो विकसित और रूप बदल सकते है। कम टीकाकरण वाले देशों में अस्पतालों के अतिप्रवाह के भयानक मंजर एक बार फिर से आम होते जा रहे हैं।

टेड्रोस एडनॉम ने आगे कहा कि डेल्टा वैरिएंट कई देशों में तेजी से फैल रहा है, जिससे तनाव का माहौल बन रहा है, हम इस समय कोरोना महामारी के सबसे खतरनाक दौर में हैं। अभी कोई भी देश इससे बाहर नहीं निकल पाया है। डेल्टा वैरिएंट खतरनाक है और लगातार विकसित हो रहा है। नए वैरिएंट से बचने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के निरंतर मूल्यांकन और सावधानीपूर्वक सुरक्षा की आवश्यकता है। कम से कम 98 देशों में डेल्टा वैरियंट का पता चला है। यह कम और अधिक टीकाकरण कवरेज वाले देशों में तेजी से फैल रहा है।

टेड्रोस एडनॉम ने कहा कि नए वैरिएंट से बचने के लिए जनता का स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय जैसे मजबूत निगरानी, रणनीतिक परीक्षण, प्रारंभिक मामले का पता लगाना, आइसोलेशन और नाजुक स्थितियों में क्लीनिकल देखभाल, मास्किंग, शारीरिक दूरी, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की जरूरत है। उन्होंने दुनिया भर के नेताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है कि अगले साल इस समय तक हर देश में 70 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया जा सके। उन्‍होंने कहा कि हमने सभी नेताओं से आग्रह किया है कि, इस सितंबर के अंत तक देश में कम से कम 10 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया जाए।

टेड्रोस एडनॉम ने आगे कहा कि विशेष रूप से मैं उन कंपनियों – बायोएनटेक, फाइजर और मॉडर्न – से आग्रह करता हूं कि वे अपने ज्ञान को साझा करें, ताकि हम कोरोना टीके का उत्पादन को बढ़ा सकें। जितनी जल्दी हम अधिक वैक्सीन बनाना शुरू करते हैं और वैश्विक वैक्सीन क्षमता को बढ़ाते हैं, उतनी ही जल्दी हम इस महामारी को कम कर सकते हैं।

WHO द्वारा प्रकाशित COVID-19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट में कहा गया है कि 29 जून, 2021 तक 96 देशों ने डेल्टा वेरिएंट के मामलों की सूचना दी है। हालांकि यह संभावित रूप से कम है, वेरिएंट की पहचान करने के लिए आवश्यक अनुक्रमण क्षमता सीमित है। जागरण/पीटीआइ

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More