स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में एसी ट्रेन चलाए जाने के सवाल पर अधिकारियों का साफ रुख सामने नहीं आया। अधिकारियों ने सिर्फ इतना ही बताया कि एसी के फ्लो को देखे जाने की जरूरत होती है। ज्यादा दिक्कत होने पर इसे बंद भी किया जा सकता है।
प्रेस कांफ्रेंस में सवाल पूछा गया था, सेंट्रलाइज एसी में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है, ऐसे में एसी ट्रेनें चलाई जा रही हैं। क्या इससे इनकार किया जा सकता है कि यात्रा के दौरान संक्रमण का खतरा नहीं होगा?
इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सेंट्रलाइज एसी का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन उसके फ्लो को मॉनिटर करने की जरूरत होती है। इसका ध्यान रखते हुए उसे इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही कहा कि इससे जुड़ी कोई भी समस्या सामने आती है तो सेंट्रलाइज एसी के इस्तेमाल के बिना भी रेल सफर किया जा सकता है।
यानी अधिकारियों के पास इस सवाल का सीधा-सीधा जवाब नहीं था कि जब संक्रमण का खतरा बना हुआ है तो एसी ट्रेनें क्यों चलाई जा रही हैं। बता दें कि कोरोना वायरस का संक्रमण हवा द्वारा भी होता है। ऐसे में अगर ट्रेन के किसी कोच में कोई संक्रमित व्यक्ति सफर करता है तो ये बाकी लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा होने पर स्वस्थ व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित हो सकता है। Source अमर उजाला