विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक ने शनिवार को कहा कि भारत में फैल रहा एक वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है और शायद वैक्सीन सुरक्षा को भी मात दे रहा है। एफपी के साथ एक इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी दी कि महामारी विज्ञान की विशेषताएं जो हम भारत में देख रहे हैं यह दर्शाती है कि यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है।
भारत में शनिवार को पहली बार 4 लाख से ज्यादा नए मामले और 4 हजार से अधिक मरीजों की मौते हुई।
पैडिट्रिशियन और क्लिनिकल साइंटिस्ट स्वामीनाथन कहती हैं कि देश में अक्टूबर में मिला कोविड-19 का B.1.617 वैरिएंट अब रोजाना लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। उन्होंने बताया कि B.1.617 वैरिएंट म्यूटेट भी कर रहा है जो कि लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में B.1.617 वैरिएंट को सूचीबद्ध किया है।
एंटीबॉडी के लिए प्रतिरोधी
कोरोना का नया वैरिएंट अपने वास्तविक रूप से कई गुना ज्यादा खतरनाक है और बहुत तेजी से लोगों में प्रसारित हो रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश इस वैरिएंट को गंभीरता से ले रहे हैं और मुझा आशा है कि डब्ल्यूएओ भी जल्द ही इस पर कोई न कोई शोध करेगा।
उन्होंने कहा कि B 1.617 वैरिएंट चिंता का एक कारण है क्योंकि इसमें कुछ म्यूटेट है जो संचरण को बढ़ाते हैं। जो संभवत: टीकाकरण या प्राकृतिक संक्रमण द्वारा उत्पन्न होने वाले एंटीबॉडी बनाने से रोकता है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत में संक्रमितों की संख्या में काफी ज्यादा वृद्धि और मौतों के लिए सिर्फ कोरोना के नए वैरिएंट को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए लोगों की लापरवाही भी जिम्मेदार है। लोगों ने सोशल डीस्टेंस का पालन नहीं किया इसके साथ बहुत लोगों ने मास्क पहनना भी छोड़ दिया था। जिससे वायरस इतना ज्यादा फैल गया।
स्वामीनाथन ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में ये काफी निम्न स्तरों पर संचरण कर सकता है। वह कहती हैं कि यह हजारों लोगों में फैल गया है, इस वक्त इसे नियंत्रित करना बहुत कठिन हो गया है। यह ऐसी दर से बढ़ रहा है जिसे रोकना बहुत मुश्किल है।
भारत में इस महामारी पर लगाम लगाने के लिए टीकाकरण को बढाने की कोशिश की जा रही है। स्वामीनाथन ने चेतावनी दी कि इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए केवल यही पर्याप्त नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन बनाने वाले देश भारत ने 1.3 बिलियन से अधिक आबादी वाले देश में लगभग दो प्रतिशत को पूरी तरह से टीकाकरण किया है। देश में 70-80 प्रतिशत टीटाकरण के लिए कई महीने लग जाएंगे।
स्वामीनाथन के बताया कि आने वाले कल के लिए हमें इस ट्रांसमिशन को रोकने के लिए लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण और सामाजिक उपायों पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।
वह कहती हैं कि भारत में बढ़ते मामले और मौत के आंकड़ें ही केवल भयावह नहीं है, बल्कि यह जितनी तेजी से फैल रहा है उससे अधिक खतरनाक रूप से उभरने की संभावना को बढ़ावा दे रहा है। स्वामीनाथन ने कहा कि यह वायरल जितना ज्यादा फैलता है उससे संभावना है कि इससे वह म्यूटेट और विकसित होगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि वेरिएंट जो बहुत सारे म्यूटेशन जमा करते हैं, वे अंततः वर्तमान टीकों के प्रतिरोधी हो सकते हैं जो हमारे पास हैं। ” “यह पूरी दुनिया के लिए एक समस्या बन सकती है।” आउटलुक