लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने लम्पी रोग प्रभावित जनपदों में पशुओं के बचाव हेतु संचालित टीकाकरण अभियान की गहन समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि टीकाकरण और उपचार के अभाव में गोवंश हानि न होने पाए। उन्होंने निर्देश दिये कि वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लाते हुए प्रतिदिन 03 लाख टीकाकरण का कार्य किया जाए। पूर्वांचल क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कार्य मेें तेजी लाई जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रभावित मण्डलों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टियॉ निरस्त की जाए और स्थिति सामान्य होने तक पशु मेलों का आयोजन स्थगित रखा जाए और पशु परिवहन पर रोक लगाई जाए।
पशुधन मंत्री द्वारा आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में फैली लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के प्रभावित नियंत्रण हेतु गठित की गयी टीम-09 की बैठक में रोग प्रकोप के नियंत्रण एवं बचाव हेतु कृत कार्यवाही की समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के साथ ही पश्चिमांचल क्षेत्रों में लम्पी रोग के नियंत्रण एवं बचाव हेतु व्यापक व्यवस्थायें की जाए और किसी भी दशा में लम्पी रोग का प्रसार अन्य क्षेत्रों में न होने पाए। जनपदों में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में 36 जनपद लम्पी रोग से प्रभावित हैं, जिसमें प्रभावित गोवंश 5532 है तथा 49 गोवंश की मृत्यु हुई है। अब तक 3391 गोवंश उपचार पश्चात स्वस्थ हुए है। प्रभावित क्षेत्रों में 22,77,500 टीकाकरण किया गया है। अब तक 88,46,000 वैक्सीन प्राप्त की जा चुकी है। लम्पी प्रभावित जनपदों में वैक्सीनेशन के लिए 988 टीमें कार्य कर रही हैं। जिनके द्वारा लगभग 2.11 लाख टीकाकरण प्रतिदिन किया जा रहा है। 02 हजार टीमें गठित कर अगले दो दिन में टीकाकरण की गति बढ़ाई जायेगी। पूर्वी उ0प्र0 से पश्चिमी उ0प्र0 की तरफ बीमारी के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से नेपाल सीमा से म0प्र0 की सीमा (जनपद पीलीभीत, शाहजहॉपुर, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, इटावा) तक 10 किमी0 की परिधि में बेल्ट वैक्सीनेशन 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2023 तक कुल 23 विकास खण्डों में टीकाकरण एक सप्ताह में पूर्ण कराया जायेगा।
पशुधन मंत्री ने वैक्सीनेशन कार्य, गोआश्रय स्थलों एवं गोसंरक्षण केन्द्रों के सैनीटाइजेशन एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने, पशुपालकों, कृषकांे तथा आमजनता को जागरूक करने के लिए लम्पी रोग के बचाव हेतु सार्वजनिक स्थलों पर ’’क्या करें, क्या न करें’’ के पोस्टर, बैनर, होर्डिंग एवं वालराइटिंग करवाकर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने मंत्री जी को विभाग द्वारा लम्पी रोग नियंत्रण एवं बचाव के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही से अवगत कराया एवं प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके साथ पश्चिमी एवं मध्य उ0प्र0 के लम्पी स्किन डिजीज असंक्रमित जनपदों में भी टीकाकरण की गति बढ़ाई जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि मुख्यालय पर स्थापित डिजीज कन्ट्रोल रूम पर प्राप्त शिकायतों आदि का नियमित रूप से अनुश्रवण एवं समीक्षा की जाए। जिला स्तरीय कॉलसेंटर यथाशीघ्र क्रियाशील कराये जाए ताकि तत्काल प्राप्त सूचना के आधार पर प्रभावित गोवंश का उपचार किया जा सके।
बैठक में दुग्ध आयुक्त श्री शशिभूषण लाल सुशील, विशेष सचिव पशुधन, श्री देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव श्री अमरनाथ उपाध्याय, विशेष सचिव, दुग्ध श्री राम सहाय यादव, प्रबंध निदेशक, पीसीडीएफ श्री आनन्द कुमार, पशुधन विभाग के निदेशक डा0 अनिल कुमार जादौन, अपर निदेशक गोधन डा0 जयकेश पाण्डेय तथा संयुक्त निदेशक श्री एम0आई0 खान उपस्थित थे।