आगरा: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताज महल के दीदार अब यमुना पार मेहताब बाग से हो सकेगा। मेहताब बाग से चांदनी रात में इस अनूठे स्मारक का दीदार करने पर इसकी खूबसूरती में “चार चांद” लग जाएंगे। इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। माना जा रहा है कि जुलाई से रात में ताज के दीदार शुरू हो जाएंगे। केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के अनुसार, ताज महल देश में आने वाले पर्यटकों में से सर्वाधिक को आकर्षित करने वाला स्मारक है। इसके आकर्षण के अनुरूप पर्यटकों को लुभाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए। यहां पर्यटको की अधिकाधिक संख्या की अपार सम्भावनाएं हैं।
शर्मा ने उम्मीद जताई कि मेहताब बाग से रात में ताज के दीदार शुरू हो जाने पर पर्यटक यहां रात में भी रूकेंगे। अभी आमतौर पर पर्यटक ताज के दीदार करने के बाद वापस चले जाते हैं। शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पर्यटकों के लिए बुनियादी ढांचों को और विकसित किए जाने पर बातचीत हुई है। खासतौर पर पर्यटकों को सत्रहवीं शताब्दी के इस स्मारक की रात में दीदार करते समय सुरक्षा देने पर चर्चा हुई।
उच्चतम न्यायालय ने ताज की सुरक्षा के मद्देनजर दिसम्बर 1999 में शाम सात बजे के बाद ताजमहल परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। पर्यटन उद्योग से जुडे लोगों के आग्रह पर न्यायालय ने नवम्बर 2004 में अपने पूर्व आदेश में कुछ संशोधन किया था। संशोधित आदेश में उच्चतम न्यायालय ने महीने की चार या पांच चांदनी रातों में 50-50 के समूह में चार सौ पर्यटकों को ताजमहल परिसर में जाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन यह भी कहा था कि ताजमहल से दो सौ मीटर की दूरी बनाए रखी जाए।
सत्रहवीं शताब्दी के इस बेशकीमती स्मारक का दीदार इसे बनवाने वाले शाहजहां चांदनी रातों में मेहताब बाग से ही करते थे। लम्बे समय से पर्यटकों की यह मांग थी कि चांदनी रात में मेहताब बाग से देखने पर ताजमहल की खूबसूरती में “चार चांद” लग जाते हैं, इसलिए अनूठे स्मारक को मेहताब बाग से भी देखने की व्यवस्था की जाए।
शर्मा ने कहा कि ताजमहल के बगल से बहने वाली यमुना नदी में पानी की और व्यवस्था कर वहां बोटिंग आदि की भी शुरूआत कराई जाएगी। उनका कहना था कि सरकार की कोशिश है कि पर्यटक आगरा में कम से कम दो दिन रूकें और 22 हेक्टेयर के ताज हेरिटेज कॉरिडोर का भरपूर लुत्फ उठाएं। ताज हेरिटेज कॉरिडोर के तहत ओएनजीसी और भेल जैसी कम्पनियां पहले से ही ग्रीन बेल्ट की स्थापना में लगी हुई हैं।
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