देहरादून: 24 मार्च से ही भारत में लॉकडाउन लागू कर दिया गया है, जो दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा लॉकडाउन है। पिछले 9 हफ्तों से सड़कें वीरान हैं, गांवों में सन्नाटा पसरा है, साथ ही देश भर की सभी बंद दुकानें, कारखाने और स्कूलों के अलावा सभी ऑफिस एवं मॉल एक अदृश्य खतरे से निपटने के लिए बंद पड़े हैं। जीवन के हर क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा, लेकिन भारतीयों के लिए इसका अनुभव कुछ ज्यादा ही कड़वा था क्योंकि वे अपने-अपने घरों के अंदर कैद होकर रह गए थे।
हमारा विजन
भारतीय इतिहास के लिए यह समय अभूतपूर्व रहा है, जिसे मौजूदा एवं भावी पीढ़ियों के लिए दस्तावेज के रूप में तैयारकिया जाना चाहिए। आने वाले समय में जब हम पीछे मुड़कर देखेंगे, तो उस वक्त एक राष्ट्र के तौर पर हमें इस बात को अवश्य जानना और समझना होगा कि, आधुनिक युग में अब तक की सबसे बड़ी महामारी के सामने 1.3 अरब की आबादी वाला उनका देश कैसे पूरी तरह से थम गया।
हमने इस विजन को किस तरह जीवंत किया
लॉकडाउन के दौरान जब सभी भारतीय अपने-अपने घरों में रह रहे थे, तो उस वक्त फिल्म निर्माता भारतबाला और लगभग 15 फिल्म क्रू मेंबर्स सहितउनकी 117 लोगों की एक समर्पित टीम ने पूरे देश में लागू लॉकडाउन के अनदेखे दृश्यों को अपने कैमरे में कैद करने का बीड़ा उठाया।
मानव इतिहास के इस अभूतपूर्व समय को अपने कैमरे में कैद करने के लिए, क्रू मेंबर्स ने हजारों किलोमीटर की दूरी तय की और 14 राज्यों में लॉकडाउन के दृश्यों को फिल्माया। इस फिल्म में कश्मीर से केरल तक, गुजरात से आसाम तक, लखनऊ से स्पीति तक, तथा मुंबई के धारावी से लेकर देश की राजधानी में स्थित लाल किले तक, देश के हर हिस्से को शामिल किया गया है।
इसके लिए मुंबई में एक मास्टर कंट्रोल रूम तैयार किया गया था, जहां चैबीसों घंटे काम करने वाली एक टीम मौजूद थी। यह टीम पूरे देश में अपने सभी क्रू मेंबर्स के साथ तालमेल बिठाकर अपना काम कर रही थी। निर्देशक भरतबाला स्वयं जमीनी स्तर पर काम करने वाले क्रू मेंबर्स का निर्देशन कर रहे थे, साथ ही वह लाइव वीडियो कॉल या व्हाट्सएप वीडियो के जरिए अलग-अलग शॉट्स और फ्रेम के बारे में निर्देश देने एवं उसकी पुष्टि करने का काम कर रहे थे। इस राष्ट्रव्यापी परियोजना में प्रौद्योगिकी की भूमिका सबसे अहम रही, जिसकी वजह से दूर बैठकर किए गए फिल्मांकन को जीवंत करना संभव हो पाया।
राष्ट्रीय स्तर पर किए गए इस प्रयास को सफल बनाने तथा अलग-अलग स्थानों तक बिना किसी व्यवधान के पहुंचने में हमें भारत सरकार और राज्य सरकारों के अलावा स्थानीय अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला।
उठेंगे हम!
इसका नतीजा यह हुआ कि हमने 4 मिनट की एक महत्वपूर्ण फिल्म, उठेंगे हम (वी विल राइज) के निर्माण में सफलता पाई, जिसमें लॉकडाउन के दौरान देश के हालात को दिखाया गया है। हमारे क्रू मेंबर्स ने जिन परिस्थितियों का सामना किया और जिन दृश्यों को फिल्माया, वे मंत्रमुग्ध करने वाली हैं। हमारी टीम के कैमरे की इस यात्रा और दिल को छू लेने वाले दृश्यों से इंसानी जीवन की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो देश के हर हिस्से में रहने वाले लोगों की अपनी कहानी जैसी प्रतीत होती है। भरतबाला ने अपनी अनुभवी आंखों और देश के मनोभावों को समझने की क्षमता के साथ पूरे देश में फैली इस शांति को कैमरे में कैद किया है, और इसके जरिए हम बेहद शानदार एवं चहल-पहल वाले स्थानों पर हर तरफ पसरे सन्नाटे को देख सकते हैं।
लेकिन इस वीरानी में आशा की किरण, यानी ‘उठेंगे हम’ की भावना छिपी हुई है — और इसके जरिए हम विशाल भू-भाग को अपने दायरे में समेटने वाले, तथा पूरी दुनिया को अपनी ताकत एवं मौजूदगी का एहसास कराने वाले अपने राष्ट्र का अभिनंदन करते हैं। हमें अपने देश के लचीले ताने-बाने का सम्मान करना चाहिए और फिर से आगे बढ़ना चाहिए। जैसे-जैसे देश लॉकडाउन के इस दौर से बाहर निकलेगा, भारत में सामान्य जीवन धीरे-धीरे फिर से पटरी पर लौट आएगा और हम अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ चलेंगे। लेकिन लोग इस कठिन समय और इस ऐतिहासिक दौर में इंसान के तौर पर अपने सामूहिक अनुभव को हमेशा याद रखेंगे। इस दौर को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।
भारतबाला हर पीढ़ी के लिए भारत की नए सिरे से कल्पना करते हैं। उन्होंने वंदे मातरम, जन गण मन (दोनों ए.आर. रहमान के साथ), अतुल्य भारत, और इसी तरह की अपनी कई शानदार परियोजनाओं में राष्ट्र की अमूर्त संपदा का कीर्तिगान किया है, तथा इसके जरिए हमारी कल्पनाओं को अभिव्यक्ति दी है। वह नई उमंगों और भावनाओं को देश के सामने प्रस्तुत करने में मददगार रहे हैं, जिसे हमने हमेशा अपनाया है।
उठेंगे हम के माध्यम से भारतबाला ने भारत से एक बार फिर उठ खड़े होने का आह्वान किया है। यह फिल्म हर भारतीय को देखनी चाहिए … जो हमारी अविश्वसनीय कहानी बयां करती है। यह उन सभी लोगों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है, जिन्होंने इस रचना को लोगों के सामने लाने के लिए साथ मिलकर काम किया और इन कठिन परिस्थितियों में अपने जीवन को जोखिम में डाला।
फिल्म एवं थिएटर जगत की जानी-मानी अदाकारा, सीमा बिस्वास ने इस फिल्म को अपनी आवाज दी है। श्उठेंगे हमश् की दूरदर्शी सोच पर उन्हें पूरा यकीन है, और उनके इसी यक़ीन ने इस फिल्म के जरिए सभी भारतीयों को उठ खड़े होने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन दिया है। भारतबाला देश के हर नागरिक से अनुरोध करते हैं कि, वे इस फिल्म को हर भारतीय तक पहुंचाने के प्रयास में शामिल हों।
इस फिल्म के लिए आपका विशेष आभार प्रकट करने तथा इसे बड़े पैमाने पर दर्शकों तक पहुंचाने में आपकी मदद के लिए, ब्रॉडकास्टिंग एवं डिजिटल दोनों माध्यमों पर, 06 जून से 13 जून 2020, यानी एक हफ्ते तक निरूशुल्क वितरण के लिए मास्टर फिल्म की एक प्रति साझा की जा रही है। इसके अलावा, सभी प्रकार के मीडिया एवं डिजिटल माध्यमों से इसे लंबे समय तक निरूशुल्क उपलब्ध कराने और वितरण के लिए फिल्म का एक यूट्यूब लिंक भी साझा किया जा रहा है।
यह यूट्यूब लिंक दीर्घकालिक उपयोग के लिए है तथा पूरी तरह निःशुल्क है।
उठेंगे हम फिल्म का यूट्यूब लिंक
अंग्रेज़ी: https://youtu.be/4deTe9SyC98
हिंदी: https://youtu.be/obEXCR87b2s