23.8 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

तरक्की-विकास को लग रहे हैं पंख, उड़ चलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के संग

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: शरीर के लिए जो महत्व रक्तवाहिकाओं का होता है, वही महत्व एक राष्ट्र या राज्य के विकास के लिए अच्छी सड़कों का होता है। जिस प्रकार रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त शरीर के प्रत्येक अंग तक पहुँच कर उसे ऑक्सीजन पहुँचाकर प्रत्येक  अंग को सक्रिय रखता हैं, उसी प्रकार अच्छी सड़कें भी राज्य के विकास की गति को तीव्र कर देती हैं एवं इसके अंग-अर्थव्यवस्था, समाज, बाजार, अस्पताल, प्रशासन, कृषि आदि को सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बात जब एक्सप्रेसवे की एवं उत्तर प्रदेश राज्य के विकास की हो तो सड़कों का महत्व स्वतःसिद्ध हो जाता है।
उत्तर प्रदेश भौगोलिक क्षेत्रफल दृष्टि से देश का चौथा बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में विकास के दृष्टिकोण से असमानताएं व्याप्त थी। उत्तर प्रदेश का पूर्वी भाग (पूर्वांचल), पश्चिमी भाग से अपेक्षाकृत पिछड़ा हुआ था। विकास की इन्हीं असमानताओं को दूर करने तथा राष्ट्रीय राजधानी एवं प्रदेश की राजधानी तक तीव्रतम संपर्क स्थापित करने की माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कोशिशों के फलस्वरूप तीन वर्ष पूर्व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किया गया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का कोरोना महामारी की विकट परिस्थितियों में पूरे सुरक्षात्मक उपायों के साथ निर्माण कार्य जारी रहा। इसी का सुखद परिणाम 16 नवम्बर, 2021 को देखने को मिला जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सुलतानपुर जनपद के ‘अरवल कीरी करवत’ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। प्रदेश सरकार के मुखिया श्री योगी आदित्यनाथ जी की निरंतर सक्रियता तथा अनुश्रवण के कारण पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे रिकार्ड समय में बनकर तैयार हुआ है और इस पर आवागमन शुरू हो गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, मऊ, आजमगढ़ एवं गाजीपुर को जोड़ रहा है। लखनऊ के अतिरिक्त यह सभी छोटे शहर हैं एवं इनमें विकास प्रदेश के अन्य हिस्सों विशेषकर पश्चिमी उ0प्र0 से काफी कम हुआ है, परन्तु पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने से पूर्वांचल के इन जनपदों के साथ ही समूचे पूर्वांचल के विकास को पंख लगना निश्चित है। और यही प्रदेश सरकार की सोच व प्राथमिकता भी है कि प्रदेश के सभी हिस्सों का समरूप विकास हो एवं प्रदेश का प्रत्येक हिस्सा, प्रदेश का कोना-कोना विकास की रोशनी से जगमग हो जाए।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनने से राजधानी लखनऊ से पूर्वांचल के जिलों की दूरी तय करने में लगने वाला समय काफी घट गया है। एवं इससे ईंधन की बचत, समय की बचत, जाम की समस्या से मुक्ति, व्यापार की तीव्रता व वृद्धि, पूर्वांचल के कृषकों को अपने उत्पादों के लिए अतिरिक्त बाजार की उपलब्धि जैसे अनेक हित एक साथ पूरे हो रहे हैं। यदि और आगे देखें तो लखनऊ, आगरा एक्सप्रेस-वे तथा आगे यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वांचल की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी कनेक्टीविटी मिल गयी है। इससे समय व संसाधनों की काफी बचत हो रही है। इस एक्सप्रेस-वे का लाभ बिहार राज्य के सीमावर्ती जिलों को भी मिल रहा है क्योंकि इसके माध्यम से बिहार के लोग भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ गए हैं। अब पूर्वांचल के लोगों को चिकित्सा हेतु शीघ्रता से सड़कमार्ग से लखनऊ या दिल्ली पहुँचना आसान हो गया है। व्यापारियों के लिए अपने व्यापार के संबंध में पूर्वांचल जाना या लखनऊ, दिल्ली जाना आसान हो गया है। यह सभी पूर्वांचल के समग्र विकास हेतु प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश वासियों को दीपावली एवं नववर्ष का उपहार है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर लगभग 22000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा व्यय हुआ है एवं इसके निर्माण में व्यापक रोजगार के अवसर निर्मित हुए। अब एक्सप्रेस-वे के बन जाने से भी विभिन्न क्षेत्रों के विकास के माध्यम से रोजगार में वृद्धि होने की पूरी संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार की भेदभाव, पक्षपात, जातिवाद, क्षेत्रवाद के बिना, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की नीति पर चलते हुए, प्रदेश के समग्र व संतुलित विकास की दिशा में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 21 जगहों को उद्योगों की स्थापना के लिए चिन्हित किया गया है। जहां विभिन्न उद्योगों की स्थापना की जा रही है। जिससे व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन हो रहा है। इन उद्योगों में खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पाद, कोल्ड स्टोरेज, भण्डारण, फल, सब्जी, अनाज, पशुपालन व खेती से जुड़े उत्पाद आधारित उद्योग, फार्मा, इलेक्ट्रिकल, टेक्सटाइल, हैण्डलूम, मेटल, फर्नीचर, पेट्रोकेमिकल आदि प्रमुख है। यह सभी उद्योग संबंधित क्षेत्रों का विकास तो करेंगे ही साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध होंगे। एक्सप्रेस-वे से सटे शहरों में आईटीआई, मेडिकल संस्थान, ऑफिस, कृषि से संबंधित संस्थानों की स्थापना भी प्रस्तावित है जिससे कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनेक नए विकल्पों की उपलब्धता छात्रों व युवाओं के लिए बढ़ेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की एक बड़ी उपलब्धि व खासियत यह है कि इसपर सुलतानपुर में एयरस्ट्रिप बनाई गई है। जिस पर आपातकाल में वायुसेना के विमान उड़ान भर सकेंगे व लैंडिंग कर सकेंगे। स्वयं माननीय प्रधानमंत्री जी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने हेतु वायुसेना के विशेष विमान से ही आए थे, जो सुलतानपुर में एक्सप्रेस-वे की हवाई पट्टी पर उतरा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को प्रदेश के पूर्वी हिस्से के भौतिक विकास की जीवन रेखा कहा जाना पूर्णतः सही होगा। जिसके लिए प्रदेश सरकार का नेतृत्व व दूरदर्शी सोच जिम्मेदार है।
प्रदेश की वर्तमान सरकार संकल्पों की सिद्धि पर अमल करते हुए सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रदेश को निरंतर आधुनिक सुविधाओं से समृद्ध कर रही है व प्रदेशवासियों का जीवन स्तर उठाकर उनका जीवन आसान कर रही है। प्रदेश सरकार पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के बाद कुशीनगर हवाई अड्डा के लोकार्पण एवं कुछ ही समय बाद होने वाले बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के माध्यम से प्रदेश में अवसंरचना को लगातार मजबूत कर रही है। जिससे उत्तर प्रदेश का देश-विदेश में सम्मान बढ़ रहा है। पर्यटन, कृषि, व्यापार, वाणिज्य, रोजगार, उद्योग आदि को इन अवसंरचनाओं से लाभ हो रहा है। तो उड़ चलिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के संग, विकास के लगाकर पंख।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More