देहरादून: चारधाम यात्रा शीतकाल में भी नियमित रूप से संचालित की जायेगी। इसके लिए चारधाम यात्रा के लिये की गई विभागीय व्यवस्थाएं शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिये भी जारी रखी जायेगी। ऋषिकेश से चारधाम यात्रा मार्गों पर बसों का संचालन प्रातः 4.00 बजे से आरम्भ किया जायेगा।
चारधाम यात्रा पड़ावों के अतिरिक्त पंच केदार, पंच प्रयाग के लिये भी मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना संचालित की जायेगी। शीतकाल में जिन प्रदेशों से यात्रीगण ज्यादा संख्या में आते है, ऐसे प्रदेशों के साथ देश के अन्य प्रमुख शहरों में मंदिर समिति रोड शो का भी आयोजन करेगी। शीतकालीन यात्रा पड़ावों व अन्य स्थलों पर महोत्सव भी आयोजित किये जायेंगे।
यह निर्णय सोमवार को बीजापुर अतिथि गृह में देर रात मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में शीतकालीन चारधाम यात्रा आयोजन से संबंधित बैठक में लिये गये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा के केवल स्थान बदले है, व्यवस्था वही रहेगी। यात्रा की व्यवस्थायें विभिन्न विभागों के स्तर पर पूर्ववत् रहेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि मंदिर समिति, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित व होटल व्यवसायी शीतकालीन यात्रा के लिए यजमानों व पर्यटको को लाने में मदद करें। यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य, पेयजल, सफाई, परिवहन आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो। सड़को की आवश्यक मरम्मत का कार्य भी शीघ्रता से किया जाय। बसों का संचालन नियमित रूप से पूर्व की भांति किया जाय। यात्रा के पडाओं पर अलाव की व्यवस्था की जाए। इसके लिय वन विकास निगम जलाऊ लकड़ी के अस्थायी टाल स्थापित करें। मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुखवा, खरसाली, ऊखीमठ, पाण्डुकेश्वर में विद्युत एवं संचार सुविधायें भी निरन्तर बनायें रखने को कहा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं भी बरकरार रहेंगी।
उन्होंने विन्टर ट्रेकिंग रूट को विकसित करने पर भी बल दिया। केदारनाथ एवं ओली में भी विद्युत, स्वास्थ्य व संचार सुविधायें उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर पालिकाओं एवं जिला परिषदों द्वारा चारधाम यात्रा मार्ग पर शौचालयों की स्थापना की जाए। उन्होंने पर्यटक आवास गृहों की साजसज्जा पर भी ध्यान देने को कहा ताकि इनमें ठहरने वालों को कोई शिकायत न हों। उन्होंने पर्यटन विभाग से शीतकालीन चारधाम यात्रा के साथ ही पंचकेदार, पंचप्रयाग आदि स्थानों के प्रचार-प्रसार पर ध्यान देने को कहा। इन स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हिमालय दर्शन योजना व विन्टर ट्रेकिंग रूट विकसित होने से साहसिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। शीतकालीन यात्रा में एयर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश उन्होंने दिए।