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आवंटन में चार गुना बढ़ोत्तरी होने के साथ, केंद्र सरकार राज्य द्वारा ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को पूरा करने में तेजी लाने पर जोर दे रही है

देश-विदेश

हर घर को स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में जल जीवन मिशन के अंतर्गत तमिलनाडु के लिए केंद्रीय अनुदान की राशि को बढ़ाकर 3,691.21 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि 2020-21 में 921.99 करोड़ रुपये थी। जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय जल जीवन मिशन द्वारा राज्य को पहली खेप के रूप में 614.35 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आवंटन में चार गुना बढ़ोत्तरी को मंजूरी प्रदान करते हुए राज्य को 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए पूर्ण सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया है।

तमिलनाडु में कुल 1.26 करोड़ परिवारों में से 40.35 लाख परिवारों (31.80 प्रतिशत) को नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरूआत के समय, राज्य में केवल 21.65 लाख (17.06 प्रतिशत) घरों में नल के पानी की आपूर्ति की जा रही थी। राज्य में 22 महीनों में 18.70 लाख (14.74 प्रतिशत) घरों में नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

इस प्रकार, तमिलनाडु में अभी भी 86.53 लाख घरों में नल के पानी की आपूर्ति नहीं है। 16.13 लाख परिवारों (2020-21 में) की वर्तमान आपूर्ति के साथ, अगले तीन वर्षों में इस लक्ष्य को प्राप्त करना एक बहुत बड़ा कार्य है। वर्ष 2024 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य द्वारा ग्रामीण परिवारों के लिए नल जल आपूर्ति को 179 प्रतिशत तक बढ़ाने की आवश्यकता है।

राज्य सरकार द्वारा अभी तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल जल आपूर्ति सुनिश्चित करने वाले लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना (2021-22) को अंतिम रूप देना और प्रस्तुत करना शेष है। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन (एनजेजेएम), जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार ने राज्य सरकार से बिना किसी और देरी के वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप देने और उसे प्रस्तुत करने के लिए कहा है क्योंकि वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही समाप्त होने जा रही है।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह करते हुए कहा है कि सभी गांवों में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के काम पर जोर दिया जाना चाहिए जिससे तमिलनाडु राज्य 2024 तक हर घर नल में नल का पानी उपलब्ध करा सके।

वर्ष 2020-21 में, तमिलनाडु को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल आपूर्ति करने के लिए 921.99 करोड़ रुपये की केंद्रीय अनुदान आवंटित किया गया था लेकिन राज्य द्वारा केवल 544.51 करोड़ रुपये की ही निकासी की गई और 377.48 करोड़ रुपये सरेंडर कर दिए गए। इस वर्ष केंद्रीय आवंटन में चार गुना वृद्धि (3,691.21 करोड़ रुपये), 377.48 करोड़ रुपये की अव्ययित शेष राशि और 2020-21 में राज्य के मिलान हिस्से में 290.79 करोड़ रुपये की कमी और चालू वर्ष के लिए राज्य की हिस्सेदारी के साथ, तमिलनाडु के पास जल जीवन मिशन-हर घर जल को लागू करने के लिए 8,428.17 करोड़ रुपये की निश्चित निधि है। कोष की उपलब्धता में कोई बाधा नहीं होने के कारण  केंद्रीय मंत्री ने राज्य से आग्रह किया है कि वह केंद्रीय अनुदान का पूरा लाभ उठाने के लिए बेहतर प्रदर्शन करे और इसे शीघ्र लागू करके इसका उपयोग करे ताकि राज्य के लोगों तक लाभ पहुंचे।

2021-22 में  तमिलनाडु को ग्रामीण स्थानीय निकायों/पंचायती राज संस्थाओं को जल और स्वच्छता कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग से जुड़े अनुदान के रूप में 1,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अगले पांच साल यानी 2025-26 तक के लिए 8,436 करोड़ रुपये का आवंटन सुनिश्चित है। तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्यापक निवेश रोजगार के नए अवसरों को पैदा करेगा, आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।

केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल संकट वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित वाले गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/जनजाति बहुसंख्यक वाले गांवों के सभी घरों में प्राथमिकता के आधार पर नल जल उपलब्ध कराने वाले और तमिलनाडु सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) की बातों को दोहराया। राज्य से इन गांवों/क्षेत्रों के सभी घरों तक 2021-22 में प्राथमिकता के आधार पर कवर करने का आग्रह किया गया।

देश के स्कूलों, आश्रमों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए सुरक्षित नल जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की थी, जिसका शुभारंभ 2 अक्टूबर 2020 को केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा किया गया था। इसके परिणामस्वरूप तमिलनाडु के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में नल जल उपलब्ध कराया।

जल गुणवत्ता जांच और निगरानी गतिविधियों को भी शीर्ष प्राथमिकता देनी है जिसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशाकर्मियों, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों, पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों, स्कूल शिक्षकों आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वह फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के उपयोग से प्रदूषण के लिए पानी के सैंपलों का परीक्षण कर सकें। राज्य को अपनी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाने तथा  उनकी एनएबीएल मान्यता हासिल करने की भी जरूरत है। कुल 113 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में से, तमिलनाडु में केवल 1 प्रयोगशाला एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है। राज्य को अपनी जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने और उनकी एनएबीएल मान्यता हासिल करने की आवश्यकता है।

‘जल जीवन मिशन’ एक उर्ध्वगामी दृष्टिकोण है जहां पर समुदाय द्वारा योजना से लेकर कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव तक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जाती है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, राज्य सरकार को ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्लूएससी)/ पानी समिति को मजबूती प्रदान करने और अगले पांच वर्षों के लिए 15वीं एफसी के साथ ग्राम कार्य योजना सह-टर्मिनस विकसित करने, कार्यान्वयन राज्य एजेंसियों (आईएसए) को शामिल करने, लोगों के बीच जागरूकता फैलाने जैसी सहायता गतिविधियां शुरू करनी पड़ेगी। अब तक, तमिलनाडु में 12,525 गांवों में 10,812 वीडब्ल्यूएससी या पानी समितियां हैं और 6,335 गांवों में कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं। राज्य को अगले 3-4 महीनों के भीतर सभी गांवों के लिए ग्राम कार्य योजनाएं तैयार करने की आवश्यकता है। राज्य को जल गुणवत्ता निगरानी और निरीक्षण करने के लिए लगभग 63,000 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की भी जरूरत है। इस प्रकार की हैंड होल्डिंग और क्षमता निर्माण, प्रत्येक घर में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक स्थिरता और संचालन एवं जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे के रखरखाव को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वर्ष 2019 में मिशन प्रारंभ होने के समय देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) में नल के पानी की आपूर्ति हुई थी। पिछले 22 महीनों के दौरान कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के बावजूद जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और 4.29 करोड़ परिवारों को पाइप कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। वर्तमान समय में कवरेज में 22 प्रतिशत की वृद्धि होने के साथ ही, देश में 7.53 करोड़ (39.25 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों में नल जल की आपूर्ति की जा रही है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य हासिल किये हैं और ये राज्य प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के विजन का पालन करते हुए ‘हर घर जल’ बन गए हैं। मिशन का आदर्श वाक्य यह है कि “किसी को भी नहीं छोड़ा जाए” और गांव के प्रत्येक घर को नल जल कनेक्शन प्रदान किया जाए। वर्तमान में 62 जिलों और 92 हजार से अधिक गांवों में हर घर में नल से जल की आपूर्ति की जा रही है।

प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त 2019 को लाल किले से घोषित जल जीवन मिशन को राज्यों/केंद्र सरकार की साझेदारी में लागू किया जा रहा है ताकि 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल जल कनेक्शन प्रदान किया जा सके। वर्ष 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए कुल बजट 50,011 करोड़ रुपये है। राज्य के अपने संसाधनों और जल एवं स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग से जुड़े आरएलबी/पीआरआई को 26,940 करोड़ अनुदान के साथ इस वर्ष ग्रामीण पेयजल आपूर्ति क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। इससे गांवों में रोजगार के नए अवसरों का सृजन हो रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है।

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