16.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आवंटन में चार गुना बढ़ोतरी के साथ, केंद्र सरकार ने 2023 तक केरल में “हर घर जल” की त्वरित व्यवस्था करने पर जोर दिया है

देश-विदेश

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2024 तक सभी घरों में स्वच्छ नल जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के सपने को साकार करने के लिए, केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 में जल जीवन मिशन के तहत केरल के लिए केंद्रीय अनुदान को बढ़ाकर 1,804.59 करोड़ रुपये कर दिया है, जो 2020-21 में 404.24 करोड़ रुपये था। आवंटन में चार गुना की वृद्धि को मंजूरी देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 2023 तक सभी ग्रामीण घरों में नल जल की आपूर्ति की व्यवस्था करने के लिए राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

केरल में, 15 अगस्त 2019 को, जल जीवन मिशन के शुभारंभ के समय, 67.14 लाख घरों में से, सिर्फ 16.64 लाख (24.78 प्रतिशत) घरों में नल जल की आपूर्ति थी। पिछले 22 महीनों में राज्य में 6.36 लाख परिवारों को नल जल कनेक्शन दिए गए हैं। इस प्रकार, अब राज्य में 23.00 लाख घरों (34.26 प्रतिशत) में नल जल की आपूर्ति की व्यवस्था हो गई है। हालांकि, 22 प्रतिशत राष्ट्रीय औसत के मुकाबले राज्य में नल जल आपूर्ति के कवरेज में बढ़ोतरी 10 प्रतिशत से भी कम बनी हुई है।

वर्तमान में, केरल में अभी भी 44.14 लाख घरों में नल जल की आपूर्ति नहीं है। केरल के मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, 2023 तक सभी घरों को नल जल कनेक्शन दिया जाना है। जल जीवन मिशन के तहत, सभी घरों तक नल जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य पाने के लिए राज्य सरकार ने 2021-22 में 29.37 लाख, 2022-23 में 6.68 लाख और 2023-24 में 5.54 घरों में नल जल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। जल शक्ति मंत्रालय ने जल शक्ति मिशन को लागू करने की बेहद धीमी रफ्तार पर अपनी गहरी चिंता जताई है, क्योंकि 2020-21 में सिर्फ 4.04 लाख घरों में ही नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने केरल के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर राज्य में जल जीवन मिशन की हर महीने समीक्षा करने का अनुरोध किया है, ताकि नियोजन, योजनाओं को मंजूरी, निविदा प्रक्रिया और जल आपूर्ति योजनाएं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा सके।

2020-21 में, केरल को 404.24 करोड़ रुपये का केंद्रीय अनुदान दिया गया था, लेकिन राज्य सिर्फ 303.14 करोड़ रुपये ही निकाल पाया और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल की आपूर्ति के लिए शेष 101.06 करोड़ रुपये वापस लौटा दिए। इस वर्ष केंद्रीय आवंटन के 1,804.59 करोड़ रुपये, खर्च न हो पाए शेष 40.07 करोड़ रुपये और राज्यों के हिस्से के मिलान के आधार पर आवंटित 1,844.66 करोड़ रुपयों को मिलाकर, केरल में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2021-22 में जलापूर्ति कार्यों के लिए 3,689.32 करोड़ रुपये की सुनिश्चित उपलब्धता है। केरल के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में, केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि यह अतिरिक्त आवंटन राज्य को जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों को नल जल कनेक्शन देने के लिए विभिन्न नियोजित कार्यों को तेजी से करने में सक्षम बनाएगा।

2021-22 में ग्रामीण स्थानीय निकायों/पीआरआई के लिए पानी और स्वच्छता कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर अनुदान के रूप में केरल को 722 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राज्य में अगले पांच साल में यानी 2025-26 तक के लिए 3,806 करोड़ रुपये की सुनिश्चित राशि उपलब्ध है। केरल के ग्रामीण इलाकों में होने वाले यह विशाल निवेश रोजगार के नए अवसरों को सृजित करेगा, आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।

देश में स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए सुरक्षित नल जल सुनिश्चित करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की थी, जिसकी केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2 अक्टूबर 2020 को शुरुआत की थी। इसके परिणामस्वरूप, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों ने स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में नल जल की व्यवस्था की है। केरल में 10,772 स्कूलों (99 प्रतिशत) और 26,307 आंगनवाड़ी केंद्रों (79 प्रतिशत) में पाइप से जल आपूर्ति की व्यवस्था है। केंद्र सरकार ने राज्य को अगले कुछ महीनों में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर साफ-सफाई के लिए शेष सभी स्कूलों, आश्रमशालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में सुरक्षित नल जल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

अपने पत्र में, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अगले कुछ महीनों में जल संकट वाले क्षेत्रों, पानी की खराब गुणवत्ता वाले गांवों, आकांक्षी जिले, अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) के गांवों के सभी घरों में प्राथमिकता के आधार पर नल जल की व्यवस्था करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी द्वारा दिए गए जोर को दोहराया है।

जल गुणवत्ता निगरानी और निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी है, जिसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, पीआरआई सदस्यों, स्कूल शिक्षकों आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे फील्ड टेस्ट किट (एफटीके) के उपयोग से पानी में मौजूद गंदगी/संक्रमण (संदूषण) के लिए पानी के नमूनों की जांच कर सकें। राज्य में पानी की जांच करने वाली कुल 52 प्रयोगशालाओं में से सिर्फ एक प्रयोगशाला को एनएबीएल से मान्यता मिली हुई है। राज्य की तरफ से इन जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाने में तेजी लाने और उन्हें एनएबीएल मान्यता दिलाने की जरूरत है। ये प्रयोगशालाएं जनता के लिए सुलभ होनी चाहिए, ताकि वे बेहद कम खर्च पर अपने पानी के नमूनों की जांच करा सकें।

जल जीवन मिशन के तहत, ‘बॉटम अप’ (नीचे से ऊपर) दृष्टिकोण का पालन होता है, जिसमें नियोजन की शुरुआत करने से लेकर कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव तक समुदाय एक अहम भूमिका निभाता है। इसे पाने के लिए, राज्य सरकार को ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी)/जल समिति को मजबूत करने, अगले पांच वर्षों के लिए ग्राम कार्य योजना बनाने, कार्यान्वयन संबंधी राज्य एजेंसियों (आईएसए) को ग्राम समुदायों की मदद करने, जनजागरूकता फैलाने जैसी सहायक गतिविधियों को करने की जरूरत है। राज्य को अपने 941 गांवों के लिए ग्राम कार्य योजना बनाने की भी जरूरत है। वर्ष 2021-22 में, राज्य सरकार ने कार्यान्वयन संबंधी राज्य एजेंसियों (आईएसए) के रूप में 29 गैर-सरकारी संगठनों को शामिल करने की योजना बनाई है। इस तरह का समर्थन और क्षमता निर्माण, सभी घरों तक सुनिश्चित जल आपूर्ति के लिए जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे की दीर्घकालिक स्थिरता, संचालन और रखरखाव को सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।

2019 में मिशन की शुरुआत के समय, देश के कुल 19.20 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से, सिर्फ 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) परिवारों के पास ही नल जल की आपूर्ति थी। पिछले 22 महीनों के दौरान, कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन जैसी बाधाओं के बावजूद, जल जीवन मिशन को तेजी से लागू किया गया है और 4.29 करोड़ परिवारों को पाइप के पानी की आपूर्ति का कनेक्शन दिया गया है। कवरेज में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ, अभी देश भर में 7.52 करोड़ (39.22 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल जल की आपूर्ति उपलब्ध है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत घरेलू कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया है और ‘हर घर जल’ बन गए हैं। प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के दृष्टिकोण के सिद्धांत के अनुरूप मिशन का आदर्श वाक्य है- ‘कोई भी छूटा नहीं है’ और गांव के सभी घरों में नल जल का कनेक्शन दिया जाना है। वर्तमान में, 62 जिलों और 92 हजार से अधिक गांवों के सभी घरों में नल से जल आपूर्ति उपलब्ध है।

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी, जिसे 2024 तक देश के सभी ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन देने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर लागू किया जा रहा है। 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए कुल बजट 50,011 करोड़ रुपये है। राज्य के अपने संसाधनों और आरएलबी/पीआरआई के जल और स्वच्छता कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश वाले अनुदान के रूप में 26,940 करोड़ रुपये के साथ, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति क्षेत्र में इस वर्ष एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश किया जा रहा है। इससे गांवों में रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More