देहरादून: सभी विभाग, राज्य विधानसभा में पारित अनुपूरक बजट के अनुसार प्लान तैयार करें और प्रत्येक 15 दिनों में फीडबैक दें कि क्या किया गया है और यदि कुछ समस्याएं आ रही हों तो उससे भी अवगत कराएं। गुरूवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रक्रियाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए। सचिवालय में फाईलों के मूवमेंट में तेजी लाएं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वित्त में विभागों से आने वाली पत्रावलियों का निस्तारण शीघ्र हो सके, इसके लिए वित्त में कार्यरत अपर सचिवों को जिम्मेवारी दी जाए। विभागों व शासन में तालमेल को बढ़ाया जाए। सचिवालय के विभिन्न सेक्शनों में फाईल मूवमेंट में तेजी आए, इसके लिए संबंधित अपर सचिव प्रो-एक्टिव रोल निभाएं। संयुक्त सचिव व अपर सचिव अनुभागों में पत्रावलियों के निस्तारण का नियमित निरीक्षण करें। अपर सचिवों को मालूम होना चाहिए कि विभागों से आने वाली पत्रावलियों पर क्या क्वेरी लगाकर वापिस भेजी जा रही हैं। सचिवालय प्रशासन व आईटी विभाग फाईल ट्रेकिंग सिस्टम विकसित करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि 4 दिनों में फाईलों का निस्तारण संबंधी आदेश का यह तात्पर्य नहीं निकाला जाना चाहिए कि फाईल के निस्तारण के चार दिन का समय है। यह तो विषय की प्रकृति के अनुसार अधिकतम समय है। सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि फाईल एक टेबिल पर अनावश्यक एक दिन भी न रहे।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विभाग सुनिश्चित करें कि उन्हें जो बजट मिला है उसके व्यय में विलम्ब न हो। जो विभाग 15 जनवरी तक औसत व्यय भी नहीं कर पाएंगे, उनके बजट को रिएप्रोप्रियेट करके अच्छी प्रगति दिखाने वाले विभागों को आवंटित कर दिया जाएगा। कार्यदायी संस्थाओं की माॅनिटरिंग की जाए। पीएलए (पर्सनल लेजर एकाउंट) की प्रवृत्ति को कम से कम किया जाए।