नई दिल्ली: मनरेगा देश का सबसे बड़ा रोजगार सृजन का कार्यक्रम है। यह योजना मांग आधारित है और देश के 5.5 करोड़ से 6 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान कराता है। यह बात केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खान मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भोपाल में आयोजित 20वीं केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मनरेगा का आकार बढ़ रहा है और अब इसके तहत 260 प्रकार के काम शामिल किए गए हैं। श्री तोमर ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के आने से मनरेगा की मजदूरी भुगतान में आ रही बैंकिंग संबंधी परेशानियां काफी हद तक दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि मनेरगा की सफलता केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन और इससे संलग्न लोगों के कठोर परिश्रम का परिणाम है। उन्होंने कहा कि गांवों के समग्र और संतुलित विकास के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा अडवांस प्लानिंग की आवश्यकता है। उन्होंने ग्राम पंचायत रोजगार सहायक की गुणवत्ता और क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था पर जोर दिया।
बैठक को संबोधित करते हुए श्री राम कृपाल यादव, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि मनरेगा बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है और गांव के लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में इसकी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा चालू वित्त वर्ष में मनरेगा का बजट बढ़कर 55 हजार करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों को बीमा प्रदान करने का सुझाव दिया और मनरेगा मजदूरों को प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना जैसे योजनाओं से जोड़ने का भी महत्वपूर्ण सुझाव दिया।
कार्यक्रम में 19वीं बैठक में आए सुझावों पर उठाए गए कदमों और शिकायतों के निवारण के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा की गई। साथ ही एक पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के द्वारा मनरेगा की उपलब्धियों को बताया गया। बैठक में विभिन्न राज्यों से आए सदस्यों एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक राज्य सरकार के भी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।