लखनऊः अपर मुख्य सचिव, खेलकूल डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि हर व्यक्ति खिलाड़ी होता है। कमी न कभी सभी ने कोई न कोई गेम अवश्यय खेला होगा। सभी के अंदर खेल की भावना होगी। इस खेल भावना को जीवित रखने की आवश्यकता है क्योंकि अब सभी विभागीय अधिकरियों और कर्मचारियों को इसी भावना से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि जनपद में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसी खिलाड़ी की आर्थिक स्थित खराब है, तो नियमानुसार उनकी पूरी तरह मदद की जाय। अपने स्तर से सहायता करने में असमर्थ है, तो शासन को अवगत करायें। मुख्यमंत्री सहायता कोष से खिलाड़ी को मदद दी जायेगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि खेलों के आयोजन के दौरान खेल की गरिमा को बनाये रखने के साथ ही खिलाड़ियों के मान सम्मान का भी ध्यान रखा जाये।
डा0 सहगल ने आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में वीडियों कांफ्रंेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी क्रीडा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एकलव्य क्रीडा कोष से सम्बन्धित नियमावली का अध्ययन किया जाए तथा उसमें दी गयी व्यवस्था के अनुसार प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए, जिससे अधिक से अधिक खिलाड़ियों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि जनपद स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं के सम्बन्ध में सम्बन्धित खेलसंघ के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर उनके सहयोग से प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन कराया जाए। जनपद स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय तथा आयोजित होने वाली प्रतियोगिता का पूर्ण विवरण सम्बन्धित जिलाधिकारी को भी उपलब्ध कराया जाय।
अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि विभागीय अधिकारी अपने जनपद में निर्मित खेल अवस्थापनाओं की सूची तेैयार करें, ताकि जियोंटैगिंग की कार्यवाही की जा सकें। साथ ही अपने जनपद में उपलब्ध प्रशिक्षकांे का खेलवार सूची तैयार कर 15 दिन के अन्दर निदेशालय को उपलब्ध कराया जाए। उन्हांेने निर्देशित किया कि खेल विभाग के अन्तर्गत चल रहे निर्माण कार्याे का अधिकारी प्रत्येक दिन पर्यवेक्षण करें। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि स्टोर में अनावश्यक खेल उपकरण न रखा जायें। खिलाड़ियों को खेल का पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये जाने के उद््देश्य से सरकार द्वारा जो भी सुविधा प्रदान की जार ही है वह उन्हें उपलब्ध करायें।