नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, सुषमा जी के जीवन के अनेक पहलू थे, अनेक पड़ाव थे. उन्होंने हर काम को जी जान से किया. सुषमा जी ने हर काम अनुशासन के साथ किया.
पीएम मोदी ने कहा, सुषमा जी हमेशा अनुच्छेद 370 के बारे में बात करती थी और जब जम्मू-कश्मीर से इसे हटाया गया तो उन्हें काफी खुशी हुई. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने से सुषमा जी का सपना पूरा हुआ. मालूम हो सुषमा स्वराज ने अपने आखिरी ट्वीट में अनुच्छेद 370 हटाये जाने को लेकर केंद्र सरकार को बधाई दी थी.
पीएम मोदी ने कहा, सुषमा जी के मन मंदिर में कृष्ण बसते थे. वो कृष्ण की भक्त थीं और जब भी मुझे मिलती तो ‘जय श्री कृष्णा’ बोल कर अभिवादन करती थीं, मैं ‘जय द्वारकाधीश’ बोलकर जवाब देता था. उनके साथ एक निकट साथी के रूप में काम करते हुए, अनेक घटनाओं के हम साक्षी हैं. जो भी काम मिले उसे जी-जान से करना और व्यक्तिगत जीवन में बहुत ऊंचाई हासिल करने के बाद भी करना. कार्यकर्ताओं के लिए इससे बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती.
पीएम मोदी ने कहा, सुषमा स्वराज अपने विचारों की पक्की थीं और उसी के अनुसार जीने का प्रयास भी करती थीं. कई बार अगर कोई मंत्री नहीं रहता है तो उनका मकान खाली कराने में सरकार को सालों लगते हैं, कोर्ट-कचहरी तक हो जाती हैं, लेकिन उन्होंने खुद सबकुछ समेट लिया था. वह खुद ही जल्दी से अपने घर में शिफ्ट हो गई थीं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सुषमा स्वराज ने एक विदेश मंत्री के रूप में प्रोटोकॉल से बंधे रहने वाले विदेश मंत्रालय को आम लोगों से जोड़ दिया था.
मोदी ने यहां एक श्रद्धांजलि सभा में कहा कि उन्होंने (स्वराज) उनसे संयुक्त राष्ट्र में अपना पहला भाषण पहले से तैयार मूलपाठ (टेक्स्ट) से देने का अनुरोध किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा था और पहली बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले भाषण के बारे में उनसे बात की थी। मोदी ने कहा, स्वराज ने पूछा कि आपका भाषण कहां है, तो मैंने कहा कि मैं अपने भाषण कभी नहीं लिखता हूं क्योंकि मुझे यह मुश्किल लगता है.
प्रधानमंत्री ने बताया, इस पर स्वराज ने कहा, ऐसा नहीं होता है भाई. आपको दुनिया के सामने भारत के बारे में बोलना है. आप अपनी इच्छानुसार नहीं बोल सकते. मैं प्रधानमंत्री था और वह विदेश मामलों के मंत्रालय का कामकाज संभालने वाली मेरी सहयोगी थीं.
मोदी ने कहा कि उन्होंने एक लंबी यात्रा की थी और ‘नवरात्र’ के कारण उपवास पर भी थे लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अपने विचारों को साझा करें. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने फिर उनके लिए एक भाषण तैयार किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वराज मंत्रालय से संबंधित या विदेशों में भारतीयों के सामने आने वाली समस्याओं पर तुरन्त कार्यवाही करती थी. गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत भाजपा के कई नेताओं और कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, बीजद के पिनाकी मिश्र, लोजपा के रामविलास पासवान, शिवसेना के अरविंद सावंत और विपक्षी नेता शरद यादव उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने श्रद्धांजलि सभा में अपने विचार रखे. Source प्रभात खबर