नई दिल्ली: कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज डीडी किसान चैनल के उदघाटन समारोह के अवसर पर कहा कि “कृषि के समक्ष वर्तमान संकट और आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे किसान भाईयों,कृषि वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं को सदैव सजग रहना होगा और कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान कार्यों, नई-नई तकनीकियों, कृषि यंत्र व उपकरणों को आम किसानों तक समय से पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है।”
श्री सिंह ने यह भी बताया कि “कृषि मंत्रालय के अंदर एक किसान चैनल सेल बनाया गया है जो कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों खासतौर से किसान हितैषी योजनाओं और विभिन्न अनुसंधान कार्यों की सतत जानकारी डीडी किसान चैनल को उपलब्ध कराने का कार्य करेगा।”
कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह का उद्बोधन
“मंच पर उपस्थित माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री श्री राज्यवर्धन सिंह राठौर जी, कैबिनेट सचिव डा0अजीत सेठ जी, प्रसार भारती के अध्यक्ष डा0 सूर्यप्रकाश जी, दूरदराज से आये हमारे किसान भाईयों बहनों, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से पधारे अधिकारी एवं कर्मचारीगण, अन्य सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि,मीडिया से पधारे पत्रकारगण और समारोह में उपस्थित अन्य सम्मानित जन।
आज इस समारोह में मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह एक ऐसा समारोह है जिसकी प्रतीक्षा हमारे किसान और ग्रामीण भाई वर्षों से कर रहे थे। किसान भाईयों, आज का दिन इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज किया जायेगा क्योंकि किसानों के लिए समर्पित डीडी किसान चैनल देश का एकमात्र राष्ट्रीय टेलिविजन चैनल होगा जो विविधताओं से भरे अपने विशाल देश में किसानों की साल के 365 दिन और चौबीसों घंटे ज्ञानवर्धक जानकारी देकर सेवा करेगा।
हमारा देश प्राकृतिक और भौगोलिक विविधताओं के साथ ही कृषि प्रधान देश है। औद्योगिक प्रगति की इस दौड़ में भी देश की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या आज भी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है।1947 में भारत की जनसंख्या 34 करोड़ 50 लाख थी लेकिन वर्ष 2030तक 1.5 अरब के करीब पहुंच जायेगी। इस अनुमानित संख्या के अलावा हमारे आंकलन दर्शाते हैं कि भारतीय इतिहास में सर्वाधिक तेजी से हमारी कैलोरी की आवश्यकता भी बढ़ेगी । धान, गेहूं और मोटे अनाजों के अतिरिक्त भारत को दालों, मांस, डेयरी उत्पाद, फल-सब्जियों सहित विभिन्न रूपों में ज्यादा प्रोटीन, खाद्य तेल और चीनी की आवश्यकता होगी।
बढ़ती जनसंख्या के कई अन्य आयाम भी हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमि पर दबाव है जिसके कारण जोतों के हिस्से बंटते जायेंगे जिससे ये आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं होगी और उत्पादन भी कम होगा। भूमि के अतिरिक्त जल संसाधनों पर भी दबाव में बेतहाशा वृद्धि होगी। इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी हमेशा इस बात पर जोर दे रहे हैं कि जनसंख्या की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भूमि के प्रति वर्ग इंच और पानी की प्रत्येक बॅूंद से ज्यादा उत्पादन करना होगा।
कृषि के समक्ष वर्तमान संकट और आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे किसान भाईयों, कृषि वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं को सदैव सजग रहना होगा और कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान कार्यों, नई-नई तकनीकियों, कृषि यंत्र व उपकरणों को आम किसानों तक समय से पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है। सूचना संचार तंत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए और दूरदराज के क्षेत्रों में रेडियो और टीवी की व्यापक पहुंच और प्रभाव को देखते हुए किसानों के लिए पूर्णरूप से समर्पित टीवी चैनल की आवश्यकता वर्षों से महसूस की जा रही थी पर आज तक यह संभव नहीं हो पाया था।
माननीय प्रधान मंत्री की पहल से सरकार ने इस कार्य को सर्वाधिक प्राथमिकता देते हुए एक वर्ष के अन्दर ही इसे क्रियान्वित कर दिया है जिसका उदाहरण आज आप सब के सामने है।देश के किसानों और ग्रामीणों को जागरूक बनाने और उनकी समस्याओं को समझ कर,उनका समाधान करने के लिए 24 घंटे चलने वाला टेलीविजन चैनल,डीडी किसान की शुरूआत एक वर्ष के अंदर करना किसी करिश्मे से कम नहीं है।
पूर्णरूप से किसानों को समर्पित ये चैनल आज से 24 घंटे अखिल भारतीय स्तर पर अपना प्रसारण आरम्भ कर रहा है जिसे पूरे देश के नागरिक कृषि, बागवानी, पशुपालन, वानिकी, खाद्य प्रसंस्करण, मछली पालन, मंडी, मौसम, की पल-पल की जानकारी और ग्रामीण क्षेत्र से जुडे अनेक उद्योग धंधों से संबंधित तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा प्रगतिशील किसानों के अनुभव और अपने ग्रामीण परिवेश की व्यापक सांस्कृतिक विरासत को भी एक दूसरे से साझा करने का अवसर मिलेगा। सरकार की नीति है कि किसानों को समर्पित ये चैनल दूरदर्शन के अलावा डीटीएच और सभी केबल ऑपरेटरों द्वारा अनिवार्य रूप से दिखाया जायेगा।
जहां तक कृषि मंत्रालय भारत सरकार के समन्वय का सवाल है तो हम ये कहना चाहेंगे कि इस चैनल के माध्यम से कृषि और कृषि आधारित सभी विषयों पर कार्यक्रमों के निमार्ण और प्रसारण हेतु आवश्यक सभी तकनीकी सामग्री और संबंधित विषय विशेषज्ञों की उपलब्धता पहले ही सुनिश्चित की जा चुकी है। इसके लिए कृषि मंत्रालय के अंदर एक किसान चैनल सेल बनाया गया है जो कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों खासतौर से किसान हितैषी योजनाओं और विभिन्न अनुसंधान कार्यों की सतत जानकारी डीडी किसान चैनल को उपलब्ध कराने का कार्य करेगा।
आप सभी किसान भाईयों और बहनों से अनुरोध है कि किसान चैनल पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को नियमित रूप से देखें और बताई गयी तकनीकी जानकारियों के अनुसार खेती किसानी का कार्य करें और कृषि विकास में अपने योगदान को और मजबूत करें। ये प्रसारण किसानों के अनुभवों उनकी समस्याओं और सुझावों का स्वागत करेगा। कृषि मंत्रालय, वैज्ञानिक और समाज के अन्य तबकों के लोग किसान चैनल को मजबूत बनाएंगे जो किसानों के लिये मील का पत्थर साबित होगा।
यह चैनल कृषि में ज्ञान के बीच की खाई को पाटने में सेतु का काम करेगा। मैं इसे मूर्तरूप प्रदान करने में सहयोग देने वाले सूचना प्रसारण मंत्रालय, दूरदर्शन और प्रसार भारती के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूं।