नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने सहयोगी मंत्रालयों के मंत्रियों और सभी सांसदों से जारी राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान संपर्क गतिविधियां चलाते हुए पूरा सहयोग देने का आग्रह किया है। सरकार पोषण अभियान के तहत सितंबर, 2018 महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मना रही है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने अपने सभी सहयोगियों को लिखित पत्र के जरिये कहा है कि सितंबर, 2018 के दौरान इस कार्यक्रम को मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में संपर्क गतिविधियां चलाएं। इस मिशन में आपकी भागीदारी से कुपोषण को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से आम आदमी जुड़ सकेंगे।
श्रीमती मेनका गांधी ने यह भी कहा कि देश की पोषण चुनौतियों से निपटने के लिए पोषण अभियान एक दिव्य कार्यक्रम है जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री ने मार्च, 2018 में की थी। यह कार्यक्रम सभी मंत्रालयों के बीच एक साथ समन्वित तरीके से काम करने की मांग करता है ताकि कुपोषण को जल्दी और प्रगतिशील तरीके से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की मुख्य बात देश भर में समुदायों के बीच लामबंदी करना और पोषण से जुड़ी चुनौतियों के विभिन्न आयामों से निपटने में उनकी भागीदारी बढ़ाना है।
केंद्र सरकार के कई मंत्रालय पोषण अभियान के लिए आपस में सहयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य लोगों के बीच पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना और बच्चों एवं गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे संपूर्ण पोषण तक उनकी पहुंच बढ़ाना है।
पोषण अभियान के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए मुख्य हितधारकों की कोशिशों को बढ़ाना और पोषण जागरूकता को जन आंदोलन के स्तर तक ले जाना जरूरी है। इस जन आंदोलन का उद्देश्य राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान 11 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंच बढ़ाना है।
पोषण अभियान की शुरूआत से अब तक सरकार ने शारीरिक विकास की कमी, कुपोषण, एनीमिया और जन्म के वक्त वजन में कमी को रोकने के उद्देश्य से कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इस अभियान की एक नोडल एजेंसी के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संवेदीकरण कार्यक्रम चलाने में हमेशा ही आगे रहा है। अन्य सहयोगी मंत्रालयों और संगठनों के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश भर में विभिन्न समुदायों का समर्थन हासिल करने में सफल रहा है।
देश भर के हितधारकों को राज्य स्तर की कार्यशाला से लेकर ब्रांड एंबेसडर के नामांकन और बहु-मीडिया अभियान तक गतिविधियां चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सांसदों और मंत्रियों को भी जन आंदोलन के स्तर तक गतिविधियां तेज करने का आग्रह किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पत्र की प्रक्रिया में मंत्रियों और सांसदों ने पोषण अभियान के तहत कई गतिविधियां शुरू कर दी हैं।
राष्ट्रीय पोषण माह के 8 मुख्य थीम – प्रसवपूर्व देखभाल, सर्वोत्कृष्ट स्तनपान, पूरक आहार, एनीमिया, विकास की निगरानी, शिक्षा, आहार एवं लड़कियों की शादि करने की सही उम्र, स्वच्छता एवं सफाई और खाद्य सुदृढ़ीकरण हैं। सरकार और अन्य संबंधित संगठनों ने कुपोषण मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है। इस अभियान से संबंधित सोशल मीडिया अपडेट #पोषणमाह के जरिये पाए जा सकते हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से लक्षित दृष्टिकोण के साथ एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण का लक्ष्य हासिल करना है। एक समग्र दृष्टिकोण के साथ 2020 तक देश के सभी 36 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और 718 जिलों में चरणबद्ध तरीके से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। जन आंदोलन का उद्देश्य देश में उच्च स्तर के पोषण को महत्व देना है। इस माह विशेष अभियान के तहत लगभग 100 सामुदायिक रेडियो केंद्र भी भाग ले रहे हैं।