देहरादून: उत्तराखंड देहरादून जिले का पछवादून क्षेत्र अवैध खनन के लिए पूरे प्रदेश में ही बदनाम है। कहते हैं यहां जो भी अधिकारी आता है, उससे खनन माफियाओं का ऐसा गठजोड़ हो जाता है कि वह भी इसे रोकने के बजाय कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता ही नजर आता है।
हालांकि, इस बार विकासनगर में कोतवाल के प्रभार पर कोई इंस्पेक्टर नहीं बल्कि महिला आईपीएस है, जिससे क्षेत्र के बड़े-बड़े खनन माफिया भी खौफ खा रहे हैं और अपने बिल में छुप गए हैं।
अलमोड़ा जिले की रहने वाली तृप्ति भट्ट 2013 बैच की महिला आईपीएस हैं, जिन्होंने अधिकारी बनने के बाद अपने प्रदेश की सेवा करना ही अपना लक्ष्य बनाया। तृप्ति भट्ट इन दिनों विकासनगर में ट्रेनिंग पीरियड पर हैं और इनके पास विकासनगर कोतवाली का चार्ज भी है।
महज 22 दिनों में इन्होंने 62 से भी अधिक ट्रक और ट्रैक्टरों को अवैध खनन में सीज कर दिया। इससे ना केवल सरकार को लाखों के राजस्व का फायदा हुआ है बल्कि खनन माफियाओं के भी होश उड़ गए हैं। अब तक जिस माफिया ने भी महिला आईपीएस पर दबाव बनाने का प्रयास किया है, उस पर कार्रवाई जरुर हुई है।
आलम ये है कि आईपीएस के थाने में आने से पुलिस कर्मी भी सतर्क हैं और वो भी खूब जी लगाकर गुड वर्क करने में लगे हैं। जब भी अवैध खनन में कोई ट्रक सीज किया जा रहा है तो उसे 15 दिन से पहले नही छोड़ा जा रहा है। इतना ही नहीं चकराता लूट का खुलासा भी पुलिस ने चंद दिनों में किया था और उसमें भी तृप्ति भट्ट की भूमिका अहम थी।