लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सामाजिक, आर्थिक एवं अवसर की समानता का सु-अवसर प्रदान करते हुए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर की दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उसी कड़ी में चलाई जा रही एन0आर0एल0एम भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के एक करोड़ चार लाख ग्रामीण गरीब परिवारों को दस लाख स्वयं सहायता समूह, एक लाख ग्राम संगठन एवं तीन हजार संकुल स्तरीय सगठनों में संगठित करना है।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में मिशन के अंतर्गत लगभग 64 लाख से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के परिवार की महिलाओ को कुल 6.05 लाख स्वयं सहायता समूहों, 28,840 ग्राम संगठनो एवं 1648 संकुल स्तरीय संघो से अच्छादित किया गया है। मिशन के अंतर्गत अभी तक कुल 4,29,187 स्वयं सहायता समूहों को रिवॉल्विंग फण्ड (644 करोड़ रुपये), 2,96,128 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि (3257 करोड़ रूपए) के माध्यम से आच्छादित किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्राम्य स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय समावेशन के माध्यम से विविधीकृत आजीविका सम्बंधित गतिविधियांे को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न बैंको से समन्वय स्थापित करते हुए समूह स्तर पर कम ब्याज पर, त्वरित, आवश्यकतानुसार मांग के अनुरूप समयबद्ध ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। अभी तक मिशन के अंतर्गत 2.33 लाख स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सतत आजीविका की दिशा में 2000 करोड़़ रूपए का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है।