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वूमेन पावर लाइन ‘1090’ के तहत वर्ष 2015 में अब तक 1,30,487 शिकायतों का निस्तारण हुआ

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध होने वाली विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न सम्बन्धी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित की गई वूमेन पावर लाइन ‘1090’ के

अन्तर्गत वर्ष 2015 में अब तक 1,30,487 शिकायतों का निस्तारण किया गया है।
वूमेन पावर लाइन के पुलिस महानिरीक्षक श्री नवनीत सिकेरा ने यह जानकारी आज यहां देते हुए बताया कि इस सेवा की शुरुआत महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नवम्बर, 2012 में की गई थी। वूमेन पावर लाइन के 1090 नम्बर पर पूरे प्रदेश के किसी भी स्थान से किसी भी टेलीफोन, चाहे वो किसी भी आॅपरेटर कम्पनी जैसे बीएसएनएल या निजी क्षेत्र की दूसरी कम्पनियों का हो, उससे सीधे काॅल की जा सकती है।
श्री सिकेरा ने कहा कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। साथ ही, इनका गलत प्रयोग भी बढ़ रहा है। छात्राओं, कामकाजी लड़कियों और महिलाओं को आए दिन अश्लील एसएमएस, एमएमएस और फेक काॅल्स करने की शिकायतें आती हैं। ये एक नए तरह का मानसिक उत्पीड़न है, जिसे रोकना बहुत जरूरी है। अक्सर प्रताडि़त महिला को ये भी नहीं पता होता है कि उसे कौन परेशान कर रहा है। फोन-मोबाइल फोन के अलावा सोशल साइट्स से भी महिला उत्पीड़न की शिकायतें मिलती हैं। उन पर अंकुश लगाया जाना भी बेहद जरूरी है। ये पावर लाइन सोशल साइट्स तथा ईमेल के जरिए होने वाले इस तरह के उत्पीड़न को भी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में 1,56,114 शिकायतों और वर्ष 2013 में 1,41,949 शिकायतों का निपटारा किया गया था।
वूमेन पावर लाइन की विशेषता है कि इसमें शिकायत करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है। पीडि़त पक्ष के फोन को महिला पुलिसकर्मी ही अटेण्ड करती है। शिकायत करने वाली महिला को किसी भी स्थिति में पुलिस थाने अथवा कार्यालय नहीं बुलाया जाता है, बल्कि हेल्पलाइन की पुलिसकर्मी स्वयं अपने स्तर से शिकायत करने वाली महिला या उसके परिवार के सम्पर्क में रहती है। पीडि़त अथवा पीडि़त पक्ष संतुष्ट महसूस करने तक हेल्पलाइन उसके सम्पर्क में रहती है।
वूमेन पावर लाइन में कार्य करने वाली महिला तथा पुरूष पुलिस बल को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में महिला पुलिसकर्मी हैं, जो शिकायत दर्ज करती हैं। अगर जरूरी हुआ तो ये महिला पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ पुरूष पुलिसकर्मियों को पीडि़त की केवल उतनी ही जानकारी या सूचना उपलब्ध कराती हैं, जो विवेचना में सहायक हो सके। यानि शिकायत करने वाली महिला की पहचान तथा उससे जुड़ी अन्य जानकारियां पूरी तरह गोपनीय रखी जाती हैं। इसी उद्देश्य से विशेष रूप से यह व्यवस्था की गई है कि शिकायत करने वाली महिला के बारे में किसी भी प्रकार की अवांछित जानकारी लीक न होने पाए। हेल्पलाइन के साॅफ्टवेयर को तकनीकी रूप से इतना दक्ष बनाया गया है कि इसकी कोई सूचना पेनड्राइव आदि से काॅपी नहीं की जा सकती।
छेड़खानी या इसी तरह की अन्य घटनाओं को रोकने के लिए इस हेल्पलाइन से दो चरणों में काउंसिलिंग की व्यवस्था की गई है। पहले चरण में पुलिसकर्मी द्वारा छेड़खानी या इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लड़कों को समझाया-बुझाया जाता है। सुधार न होने की दशा में दूसरे चरण में उनके परिजनों से उनके आचरण को सभ्य बनाने के लिए कहा जाता है। फिर भी नहीं सुधरे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। इस व्यवस्था का मकसद लोगों को जागरूक करना है। इस सेवा की लोकप्रियता के दृष्टिगत ‘1090’ के मोबाइल ऐप की शुरुआत नवम्बर, 2014 में की जा चुकी है।

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