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लोकसभा-राज्यसभा सचिवालय में आज से कार्य शुरू, जानें कैसे होता है काम

देश-विदेश

कोरोना वायरस के खतरों के बीच कुछ क्षेत्र में शर्तों के साथ लॉकडाउन में रियायत दी गई है. संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सचिवालय में सोमवार से कामकाज शुरू हो गया है. संसद के दोनों सदनों के सचिवालय का कामकाज कोरोना संक्रमण के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फाइनेंशियल बिल पास होने के बाद 23 मार्च को बंद कर दिया गया था.

लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी हुए एक आदेश में बताया गया था कि सोमवार से काम फिर से शुरू होगा और संयुक्त सचिव रैंक और उससे ऊपर के सभी अधिकारी कार्यालय में आएंगे. ऊपरी सदन राज्यसभा में भी इसी तरह का एक आदेश जारी किया है. इस सदन में सभी संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों को सभी कार्य दिवसों में कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है .

रोटेशन के आधार पर काम करेंगे कर्मचारी

संसद के जारी निर्देश में यह साफ-साफ कहा गया है कि काम करते समय सचिवालय के कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य मानदंडों का पालन हो. इस आदेश में यह भी कहा गया है कि हर शाखा या सेक्शन में कार्यालय में भाग लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल संख्या वास्तविक स्ट्रेंथ की 33 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए.

संसद के दोनों सदनों के सचिवालय में यह भी कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को एक दूसरे से छह फीट की दूरी पर बैठेंगे. इसके अलावा सभी कर्मचारियों को मास्क पहनना होगा. आदेश के अनुसार, फाइल का आदान प्रदान केवल ई-ऑफिस में इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से ही होगा. साथ ही एहतियाती के तौर पर फाइलों के फिजिकल मूवमेंट से भी बचने को कहा गया है. हालांकि, इस दौरान एकमात्र अपवाद लोकसभा स्पीकर या राज्यसभा के अध्यक्ष के विचार के लिए तत्काल फाइलें हो सकती हैं.

बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा के सचिवालय में 23 मार्च से कामकाज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. संसद का बजट सत्र 3 अप्रैल को समाप्त होना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दी गई थी. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के बंद होने के संसद का कामकाज पूरी तरह से बंद है, जो आज से शुरू हो रहा है.

लोकसभा सचिवालय का कामकाज

लोकसभा सचिवालय एक स्वतंत्र निकाय है जो माननीय लोकसभा अध्यक्ष के पूर्ण नियंत्रण और मार्गनिर्देशन में कार्य करता है. लोकसभा अध्यक्ष को उनके संवैधानिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन में लोकसभा के महासचिव (जिनका वेतन, पद और दर्जा आदि भारत सरकार के सर्वोच्च रैंक के अधिकारी अर्थात मंत्रिमंडल सचिव के बराबर होता है), अपर सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों और सचिवालय के विभिन्न स्तर के अन्य अधिकारी तथा कर्मचारी सहयोग प्रदान करते हैं.

अपर सचिव/संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को निदेशक अथवा उप-सचिव और समकक्ष रैंक के अधिकारी सहयोग प्रदान करते हैं. बीच के स्तर पर अवर सचिव या सहायक निदेशक और समकक्ष रैंक के अधिकारी होते हैं और सबसे निचले स्तर पर कार्यकारी अधिकारी/वरिष्ठ कार्यकारी सहायक/कार्यकारी सहायक और समकक्ष अधिकारी होते हैं. इसके अतिरिक्त, परिचारक सेवा के साथ-साथ लिपिकीय और सचिवालयीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है.

लोकसभा सचिवालय में विधायी, वित्तीय, समिति, कार्यकारी और प्रशासनिक सेवा (लाफियाज), ग्रंथालय तथा संदर्भ, शोध, प्रलेखन और सूचना सेवा (लार्डिस) और संपादन और अनुवाद के साथ-साथ मुद्रण और प्रकाशन का काम भी किया जाता है.

राज्यसभा सचिवालय का काम

राज्यसभा के सचिवालय का गठन संविधान के अनुच्छेद 98 में अंतर्निहित उपबंधों के अनुसार किया गया था. उक्त अनुच्छेद, जिसमें संसद की प्रत्येक सभा के लिए पृथक सचिवीय कर्मचारी हेतु प्रावधान है. लोकसभा सचिवालय की तरह काम होता है. राज्यसभा सचिवालय राज्यसभा के सभापति के समग्र मार्गदर्शन एवं नियंत्रण के अधीन कार्य करता है. सचिवालय के मुख्य कार्य कलापों में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं.

राज्यसभा के सदस्यों को वेतन एवं अन्य भत्तों का भुगतान करना, राज्यसभा के सदस्यों को यथा स्वीकार्य सुख सुविधाएं प्रदान करना, विभिन्न संसदीय समितियों को सेवाएं प्रदान करना, अनुसंधान एवं संदर्भ सामग्री तैयार करना और विभिन्न प्रकाशन प्रकाशित करना.

राज्यसभा सचिवालय में मानवशक्ति की भर्ती करना और कार्मिक संबंधी मामलों पर ध्यान देना. राज्यसभा की दिन-प्रतिदिन की कार्यवाहियों के अभिलेख तैयार करना और उसे प्रकाशित करना और ऐसे अन्य प्रकाशनों को प्रकाशित करना जो राज्यसभा और इसकी समितियों के कार्यकरण के संबंध में आवश्यक हो. राज्यसभा के सभापति के संवैधानिक एवं सांविधिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन में महासचिव, जो भारत सरकार के मंत्रिमंडल सचिव के रैंक का होता है, उनकी सहायता करता है.

राज्यसभा के महासचिव को सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और सचिवालय के अन्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है. संसदीय वेतन समिति की सिफारिशों के आधार पर सचिवालय का निम्नलिखित सेवाओं में कार्यात्मक आधार पर पुनर्गठन किया गया था, जो सभा और इसकी समितियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती है. Source Aajtak

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