देहरादून: उत्तराखंड में चीन की सीमा तक 18 हजार करोड़ की लागत से सड़क नेटवर्क खड़ा करने का काम शुरू हो गया हैं। बीआरओ के महानिदेशक ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिल कर राज्य की सीमांत सड़कों के निर्माण से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की। सीएम ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से सड़क नेटवर्क बेहद महत्वपूर्ण है। सीमांत इलाके के ग्रामीण सेना की सूचनाओं के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने बताया कि भारत माला परियोजना के तहत 18 करोड़ रुपये की लागत से चीन सीमा तक सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
इसमें बैजनाथ-थराली-कर्णप्रयाग मार्ग, अस्कोट-धारचूला-मालपा मार्ग, कपकोट-मुनस्यारी, सेराघाट-जौलजीवी मार्ग, माना-मूसा पानी-माणा पास और जोशीमठ-मलारी मार्ग शामिल है।
जनरल हरपाल सिंह ने भूमि अधिग्रहण और फारेस्ट एनओसी मिलने पर आभार जताते हुए कहा कि सड़क निर्माण में नवीन तकनीक इस्तेमाल कर पर्यावरण हानि को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
सीएम रावत ने बीआरओ के हरिद्वार रोड पर प्रोजेक्ट मुख्यालय बनाने को 20 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार का भरोसा दिया। उन्हाेंने कहा कि राज्य के सीमांत क्षेत्रों और गांवों में सड़कों का निर्माण बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बीआरओ को राज्य सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश और बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। Amar ujjala