लखनऊ: प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान मात्र प्रगति विवरण का आकलन न करके योजनाओं की शीघ्र पूर्ति, व्यवस्थाओं को दुरस्त करने सम्बन्धी सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा प्रदेश स्तर पर महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना के लिए कार्यों के शीघ्रता से पूरा किया जाए। सभी सरकारी और सहायता प्राप्त शारणालयों, संप्रेक्षण गृहों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी जनपदों से ऐसे गृहों की वास्तविक रिपोर्ट एक माह के भीतर मंगाकर उनके समक्ष प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा गृहों में लगाए गए सी0सी0टी0वी0 कैमरो की चालू एवं गैर चालू हालत की स्थिति उनके समक्ष एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जाए।
प्रो0 जोशी आज सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में महिला कल्याण विभाग के वरिष्ठ एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं। बैठक के दौरान उन्होंने बाल कल्याण समिति के सदस्य को बाल संरक्षण गृह के औचक निरीक्षण से रोके जाने की प्राप्त सूचना पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा स्थितियों में सुधार के लिए औचक निरीक्षण बेहद आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा बाल कल्याण समिति के सदस्यों को किसी भी बाल गृह के औचक निरीक्षण के लिए प्रत्येक स्तर पर पत्र प्रेषित कर अवगत करा दिया जाये, जिससे आगे उन्हें औचक निरीक्षण के लिए रोका न जाये।
प्रो0 जोशी ने बैठक में कहा कि महिलाओं और बच्चों के लिए निर्धारित योजनाओं के अतिरिक्त भी उनके हित के लिए अधिकारी रूचि लेकर कार्य करें। उन्होंने कहा शरणालयों में मानसिक मंदित बच्चों में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए शीर्ष प्राथमिकता पर व्यवस्था कराई जाये। बैठक में वृन्दावन में नव निर्मित 1000 महिलाओं की क्षमता वाले निराश्रित/विधवा महिला आश्रम, पी0पी0पी0 मोड पर वर्किंग वुमेन हास्टल खोलने, सेवाभाव से काम करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं को चिन्हित करने, महिला आयोग की सदस्याओं द्वारा सम्पादित कार्यों पर भी वृहद चर्चा हुई।