लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार आयुष विभाग के माध्यम से प्रदेश की ग्रामीण एवं शहरी जनता को आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने हेतु सतत् जागरूक एवं प्रयासरत है। इसी दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर आयुष चिकित्सा पद्धतियों को लोकप्रिय बनाने का कार्य निरन्तर किया जा रहा है।
आयुष विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2014 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1584 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही 8 आयुर्वेदिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय, 02 यूनानी कालेज एवं उससे सम्बद्ध चिकित्सालय तथा 09 होम्योपैथिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील है। आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों में प्रामाणिक एवं गुणकारी औषधियों की आपूर्ति की व्यवस्था हेतु प्रदेश में दो राजकीय औषधि निर्माणशालाएं लखनऊ एवं पीलीभीत कार्यरत हैं जिनको सुदृढ़ करते हुए इसकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। औषधि निर्माणशालाओं के माध्यम से आवश्यकतानुसार वर्षानुवर्ष औषधियों की आपूर्ति की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत 169 आयुष अधिकारियों को मास्टर टेªनर के रूप में कोविड-19 से बचाव हेतु प्रशिक्षण दिया गया, मास्टर टेªनर द्वारा लगभग 11808 आयुष कर्मियों को क्रमिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कोरोना संक्रमण काल में आयुष चिकित्साधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग से समन्वय करते हुए आर0आर0 टीम, स्कैनिंग टीम, एण्टीजन/आर0टी0पी0सी0आर0 टैस्टिंग आदि में कोविड वारियर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
आयुष चिकित्साधिकारियों एवं शिक्षकों के माध्यम से प्रदेश के क्वैरेन्टाइन केन्द्रों पर एवं जन सामान्य को कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम के लिए आयुर्वेद औषधियॉ (संशमनी वटी, अगस्त्य हरीतकी, अणु तैल, आयुष-64 एवं आयुष काढ़ा), होम्योपैथी औषधि (आर्सेनिक एलबम-30) एवं यूनानी औषधियॉ हब्बे बुखार, त्रियाक नजला, शर्बते उन्नाव उपलब्ध कराई गयी। कोविड गाइडलाइन के अनुसार विभाग के माध्यम से कोविड बीमारी के बचाव एवं रोक-थाम हेतु आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं।