16.4 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

‘चाबहार बंदरगाह को आईएनएसटीसी से जोड़ने’ पर कार्यशाला का आयोजन हुआ

देश-विदेश

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार ने इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड के साथ मिलकर आज मुंबई में ‘चाबहार बंदरगाह को आईएनएसटीसी के साथ जोड़ने’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को ईरान के रास्ते कैस्पियन सागर से और रूस में सेंट पीटर्सबर्ग के रास्ते उत्तरी यूरोप से जोड़ने वाला एक बहु-मॉडल परिवहन मार्ग है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/imageOZQ6.png

कार्यशाला के दौरान, एमडी-आईपीजीएल ने आईएनएसटीसी पर एक प्रस्तुतीकरण दिया और एफएफएफएआई ने आईएनएसटीसी की अध्ययन रिपोर्ट पर एक प्रस्तुतीकरण सामने रखा। ईरान के पीएमओ के डीजी (ट्रांजिट, लॉजिस्टिक्स और एग्रीमेंट्स) खुसरो सराय ने कार्यशाला को संबोधित किया। इसके बाद सचिव, एमओपीएसडब्ल्यू ने संबोधन दिया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001N05Z.jpg

कार्यशाला के दौरान वक्ताओं ने आईएनएसटीसी की समुद्र के रास्ते मुंबई (भारत) से शाहिद बेहेश्ती पोर्ट-चाबहार, सड़क के रास्ते चाबहार से बंदर-ए-अंजली (कैस्पियन सागर पर एक ईरानी बंदरगाह), और फिर जहाज से कैस्पियन सागर में बंदर-ए-अंजली से अस्तराखान (रूस में एक कैस्पियन बंदरगाह) तक और उसके बाद अस्तराखान से रूस के अन्य क्षेत्रों और आगे रूसी रेलवे से यूरोप तक माल की आवाजाही की परिकल्पना पर प्रकाश डाला।

चाबहार की रणनीतिक स्थिति इसे ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में विकसित करने के लिहाज से काफी अनुकूल बनाती है। बड़े शिपमेंट जहाजों को संभालने के लिए बंदरगाह का 16 मीटर गहरा ड्राफ्ट खासा उपयुक्त है। बंदरगाह दुनिया के कुछ सबसे व्यस्त व्यापारिक मार्गों के करीब स्थित है। यह क्षेत्र एशिया-यूरोप, एशिया-एशिया व्यापारिक मार्ग के अंतर्गत आता है, जहां से बड़ी मात्रा में कार्गो जाता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002UD7P.jpg

आईएनएसटीसी (इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर) एक्जिम शिपमेंट को रूस, यूरोप तक पहुंचाने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश करने में लगने वाले समय में कमी करने का भारत का विजन और पहल है। कॉरिडोर के सफलतापूर्वक शुरू होने से भारत को रूस और मध्य एशियाई देशों से जोड़ने में मदद मिलेगी। चाबहार बंदरगाह ईरान में स्थित है, इस क्षेत्र विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक पारगमन केंद्र है। निदेशक (संचालन), आईपीजीएल द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More