नई दिल्ली: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिये आज तनाव से मुक्ति विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि सेमिनार का उद्देश्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों में सकारात्मक रवैया बढ़ाना, बेहतर समय प्रबंधन और तनाव से निपटने की कला द्वारा उनके जीवन में परिवर्तन और काम का बेहतर माहौल बनाना है।
श्री विजय गोयल की पहल पर केंद्र सरकार के किसी मंत्रालय में तनाव से मुक्ति विषय पर यह पहली वर्कशाप थी। इसका आयोजन अंबेडकर इंटरनेश्नल सेंटर के ऑडिटोरियम में किया गया। इसमें 550से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर तनाव के कारण, प्रभाव और बचाव के उपायों पर एक फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई।
इस अवसर गोयल ने कहा कि केंद्र के अधिकारी पहले से अधिक समय, ऊर्जा और गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे में तनाव बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने विश्वास जताया कि सेमिनार मंत्रालय के अधिकारियों के जीवन में सकारात्मकता और कार्यक्षमता बढ़ाएगी।श्री गोयल ने बताया कि ऐसी ही वर्कशाप लोकसभा और राज्यसभा के सभी अधिकारियों के लिये भी की जाएगा। इस बारे में अधिकारियों से बात हो चुकी है। धीरे-धीरे बाकी मंत्रालयों में स्ट्रेस मैनेजमेंट पर वर्कशाप शुरू किये जा सकते हैं।
कार्यक्रम में सूजोक और स्माइल थैरेपी की विशेषज्ञ डॉ भूपिंदर कौर चड्ढा एवं फिजिओथेरेपिस्ट डॉ पंकज कुमार मलिक ने तनाव से निपटने और आफिस में बैठकर किये जा सकने वाले हल्के व्यायामों के बारे में बताया।
उल्लेखनीय है कि आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में तनाव के कारण चिड़चिड़ापन, बेचैनी, घबराहट,अनिद्रा, स्मृति दोष, भ्रम, नकारात्मकता, चिंता जैसी भावनात्मक और दर्द, नजला, सीने में दर्द, दिल की धड़कन बढ़ना, कब्ज, जुकाम जैसी शारीरिक समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों में भी ये समस्याएं खास तौर पर अधिक समाने आने लगी हैं।योग, ध्यान एवं हल्के व्यायाम से इन समस्याओं से निपटा जा सकता है और स्वस्थ जीवन शैली में लौटना संभव है।