नई दिल्ली: नई दिल्ली में आज विश्व जैव ईंधन दिवस 2018 मनाया गया। इस अवसर प्रधानंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, छात्रों और सरकारी अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की एक सभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 की पुस्तिका का विमोचन भी किया और पर्यावरण मंत्रालय के डिज़िटल प्लेटफार्म “परिवेश” का भी शुभारंभ किया। इस मौके पर केन्द्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी, उपभोक्ता मामले, खाद्य और जनवितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान, केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन डॉ. हर्षवर्द्धन, केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान भी उपस्थित थे।
श्री प्रधान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि विश्व जैव ईंधन दिवस 2015 से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य जीवाष्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाष्म ईंधनों के इस्तेमाल के प्रति लोगों को जागरूक बनाना है। साथ ही इसके जरिए सरकार द्वारा जैव ईंधन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डालना है। उन्होंने कहा कि जैव ईंधन दिवस किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण की सेहत सुधारने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराता है। श्री प्रधान ने कहा कि एथनॉल मिश्रण को गति देने के लिए एथनॉल की आपूर्ति सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इन प्रयासों के कारण 2013-14 में हुई 38 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति मौजूदा सीजन में बढ़कर 141 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकार ने नई राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 अधिसूचित कर दी है, जिसके तहत 2030 तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। नई नीति में एथनॉल के लिए कच्चे माल की उपलब्धता का दायरा और व्यापक बना दिया गया।