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एम्स में उपलब्ध विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का इस्तेमाल आम और जरूरतमंद मरीजों के लिये होः नितिन गडकरी

देश-विदेश

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने आज अपना चौथा स्थापना दिवस मनाया। सड़क, यातायात और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी की कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डॉ. विभा दत्ता भी उपस्थित थीं।

उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुये श्री गडकरी ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को अस्पताल में भरती करने की प्रक्रिया चौबीसों घंटे उपलब्ध होनी चाहिये क्योंकि गंभीर बीमारियां कभी भी हो सकती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मेडिकल उपकरणों को कम लागत पर बनाने के लिये लगातार अनुसंधान और नवोन्मेष करने की जरूरत है। इसके साथ ही जरूरतमंद मरीजों को लगातार सहायता दी जाये, खासतौर से सिकल-सेल जन्य खून की कमी, थैलेसेमिया और गुर्दों के प्रत्यारोपण वाले मरीजों के लिये काम किया जाये, क्योंकि नागपुर तथा आसपास के इलाकों में इन बीमारियों का प्रतिशत तुलनात्मक रूप से अधिक है। श्री गडकरी ने कहा कि सिकल-सेल जन्य खून की कमी और थेलेसेमिया के 70 प्रतिशत मामले भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, चंद्रपुर और नागपुर जिलों में हैं, खासतौर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदायों में। लिहाजा, इन रोगों की रोकथाम के लिये अधिक अनुसंधान कार्य की जरूरत है। एम्स में ऑपरेशन की बेहतरीन सुविधा है, वहां विशेषज्ञ और प्रसिद्ध डॉक्टर मौजूद हैं; इसलिये जब सुविधायें और मार्गदर्शन गरीबों तथा जरूरतमंद मरीजों को उपलब्ध होगा, तो उन्हें उपचार कराने के लिये मुम्बई और दिल्ली तक का सफर करने की जरूरत नहीं होगी। श्री गडकरी ने कहा कि एम्स का उद्देश्य है कि मध्य भारत के लोगों को कम दरों पर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध हों।

श्री गडकरी ने कहा, “नागपुर आज मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है। निर्धन मरीज मध्यप्रदेश और विदर्भ के आसपास के इलाकों से उपचार के लिये यहां आते हैं। गढ़चिरौली एक आकांक्षी जिला है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। इसलिये इस संस्थान के डॉक्टरों को ऐसे दूर-दराज के इलाकों के गरीब व जरूरतमंद मरीजों तथा सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों के मरीजों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये टेली-मेडिसिन सेवायें उपलब्ध करानी चाहिये। इससे इन मरीजों को बहुत लाभ होगा।”

नागपुर औषधि निर्माण का अग्रणी शहर है। नितिन गडकरी ने प्रशासन को सलाह दी कि वह उनके मंत्रालय को बताये कि उसे एम्स संस्थान के विकास के बारे में सरकार से क्या अपेक्षायें हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन को चाहिये कि वह आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराये। श्री गडकरी ने कोविड महामारी के दौरान संस्थान द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह मेडिकल के छात्रों को बेहतर शिक्षा की जरूरत होती है, उसी तरह आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराना भी उतना ही जरूरी है।

श्री गडकरी ने संस्थान की चाक-चौबंद इमारत की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नागपुर का एम्स भविष्य में विश्व के बेहतरीन संस्थानों में गिना जायेगा। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान की तरफ आने वाली डबल-डेकर सड़क पर जल्द काम शुरू हो जायेगा।। उन्होंने कहा कि नागपुर देश का पहला ऐसा शहर है, जो बिजली पैदा करने के लिये सीवर के पानी का इस्तेमाल करता है और इस तरह हर वर्ष 300 करोड़ रुपये की आय करता है। अब इस शहर में एम्स, आईआईएम, ट्रिपल-आईआईएम, आईआईटी, सिमबायोसिस यूनीवर्सिटी, बेहतरीन इंजीनियरिंग कॉलेज, विधि संस्थान, मिहान (मल्टी मोडल इंटरनेशनल कार्गो हब और नागपुर में हवाई अड्डा) में मौजूद हैं।

श्री गडकरी ने कहा कि इस वर्ष के अंत तक 11 सीटर फॉल्कन जेट का उत्पादन शुरू हो जायेगा। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी अगले दो-तीन महीनों में काम शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि एम्स के निकट एक नया रेलवे स्टेशन बनाने पर चर्चा की जा रही है। इस क्षेत्र को विकसित किया जायेगा। श्री गडकरी ने कहा कि इस संस्थान तक पहुंचने के लिये सिटी बस सेवा के विकास में जो अड़चनें हैं, उन्हें जल्द हल कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हम इस संस्थान को देश का अव्वल संस्थान बनाने के लिये सारे प्रयास कर रहे हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी का पूरा वक्तव्यः

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