वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला तो याद ही होगा. श्रीलंका द्वारा दिए गए 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने अपने शुरूआती तीन बड़े विकेट 114 रन पर गंवा दिए थे.
इसके बाद लोगों को लगा कि हर बार की तरह चौथे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए इनफॉर्म बल्लेबाज युवराज सिंह मैदान में आएंगे, लेकिन सबको चौंकाते हुए एमएस धोनी खुद बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरे. माही ने तो पहले चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए लोगों को चौंकाया. इसके बाद उन्होंने धुंआधार बल्लेबाजी करते हुए लोगों को अपना दीवाना बना दिया. वजह, फाइनल से पहले उनका बल्ला कुछ खास नहीं चल पाया था, लेकिन अहम मौके पर उन्होंने आतिशी बल्लेबाजी करते हुए लोगों को अपना मुरीद बना दिया.
धोनी हर बार की तरह फाइनल में भी छक्का लगाकर भारतीय टीम को जीत दिलाने में कामयाब रहे. इस दौरान वह छक्का लगाने के बाद कुछ देर के लिए उसी पोज में खड़े रहे. धोनी का यह वीनिंग शॉट भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक बार देखा जाने वाला शॉट है. इसके अलावा फाइनल में जिस बल्ले से उन्होंने छक्का जड़ा था, वह सबसे महंगा बल्ला होने का रिकॉर्ड रखता है.
धोनी के इस बैट की नीलामी इंग्लैंड स्थित लंदन में ‘ईस्ट मीट्स वेस्ट’ चैरिटी डिनर के दौरान की गई थी. इस बीच एक फैन ने सबको चौंकाते हुए इस बल्ले के लिए £100,000 (भारतीय रुपए में करीब 1 करोड़) की बोली लगाई थी. बाद में पता चला कि यह खरीददार आर के ग्लोबल शेयर्स एंड सिक्योरिटीज लिमिटेड नामक एक कंपनी थी.
फाइनल में धोनी का प्रदर्शन:
बात करें फाइनल मुकाबले में धोनी के प्रदर्शन के बारे में तो उन्होंने ब्लू टीम के लिए चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए कुल 79 गेंदों का सामना क्या था. इस बीच वह 115.18 की स्ट्राइक रेट से नाबाद 91 रन बनाने में कामयाब हुए. इस दौरान उनके बल्ले से आठ चौके एवं दो बेहतरीन छक्के निकले थे.
माही के इस उम्दा बल्लेबाजी के बदौलत भारत ने श्रीलंका द्वारा दिए गए 275 रन के लक्ष्य को 48.2 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर आसानी से प्राप्त कर लिया. फाइनल मुकाबले में मैच जिताऊ पारी के लिए धोनी को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया.