लखनऊः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के किशोर स्वास्थ्य अनुभाग की अगुवाई एवं परिवार कल्याण विभाग के मार्गदर्शन में आज लोहिया सभागार, पंचायती राज निदेशालय, अलीगंज, लखनऊ में ‘‘नो मोर लिमिट्स‘‘ की थीम पर विश्व माहवारी दिवस आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ लखनऊ की महापौर सुश्री संयुक्ता भाटिया, महिला आयोग की अध्यक्षा सुश्री विमला वाथम तथा परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डा0 नीना गुप्ता एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ।
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर डा0 सुंयक्ता भाटिया ने कहा कि माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन पर जागरूकता को निरन्तर बढाए जाने की आवश्यकता है, इस मुद्दे पर हम सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि माहवारी एक ऐसा मुद्दा है जिसके चलते कई लड़कियाँ स्कूल जाना छोड़ देती हैं और उनकी शिक्षा अधूरी रह जाती है। उन्होनें कहा कि महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर काम किया जाना आवश्यक है। उन्होंने स्वंय भी इस कार्य में मदद देने के लिए आश्वस्त किया।
महिला आयोग की अध्यक्षा सुश्री विमला वाथम ने कहा कि उचित माहवारी प्रबन्धन प्रत्येक महिला का अधिकार है। परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डाॅ0 नीना गुप्ता ने कहा कि किशोरी सुरक्षा योजना में माहवारी सिर्फ महिलाओं एवं किशोरियों का मुद्दा नहीं है बल्कि इस विषय पर पुरूषों में भी जागरूकता का प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं जिसमें किशोरियों हेतु स्वास्थ्य क्लीनिक, विद्यालयों में साप्ताहिक आयरन गोली, डिवार्मिंग कार्यक्रम, किशोरी सुरक्षा योजना, पियर एजुकेशन इत्यादि के विषय में बताया। राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन की अपर मिशन निदेशक, सुश्री थमीम ने बताया कि मिशन माहवारी प्रबन्धन के विषय में एक कार्याेजना बनाने पर विचार करा है। सरकार के इन समग्र प्रयासों से बच्चियों को पढ़ाई के मौके, स्वास्थ्य को बेहतर करने एवं परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार एवं सशक्तिकरण किया जा सकता है। डाॅ0 मनोज शुक्ल ने बताया कि किशोर स्वास्थ्य काउन्सलर्स व अन्य सेवा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा किशोरियों और महिलाओं को स्कूलों एवं आॅउटरीच सेशन में जानकारी दी जा रही है।
इस अवसर पर विविध निजी संस्थाओ के प्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण, समुदाय स्तर पर माहवारी प्रबन्धन के मुद्दे पर उच्चतम् कार्य करने वाली निजी संस्थाओ एवं समुदायों के प्रतिनिधि एवं किशोर, सदस्यगण तथा बड़ी संख्या में महिलाएं, ग्राम प्रधान, आशा एवं आॅगनवाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहे।