सैन फ्रांसिस्को: बुलेट ट्रेन की दोगुनी रफ्तार से दौड़ने वाली हाइपरलूप का बुधवार को अमेरिकी शहर लास वेगास में पहला परीक्षण होगा। शोधकर्ताओं ने मंगलवार को दावा किया कि वैक्यूम (बिना हवा) ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी।
लास वेगास में हाइपरलूप तकनीक से जुड़ी कंपनियों की बड़ी-बड़ी ट्यूबें, पॉड और अन्य उपकरण तैयार हैं। अंतरिक्ष से जुड़ी कंपनी स्पेसएक्स के मालिक एलोन मस्क इस सुपरफास्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुनिया के सामने पेश करेंगे। यहां चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड (ट्रैक) पर हाइपरलूप का दो मील के ट्रैक पर परीक्षण कराया जाएगा। शोधकर्ताओं का इरादा ध्वनि की गति 1236 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को छूने का है।
नासा और बोइंग के पूर्व वैज्ञानिकों का सहयोग लेने वाली हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजीज के सीओओ बिबोप ग्रेस्टा ने कहा कि अगर अचानक बिजली से संपर्क टूटता है तो भी कोई दुर्घटना नहीं होगी। हाइपरलूप के पॉड धीरे-धीरे गति कम होने के साथ ही सतह को छुएंगे और यात्रियों या सामान को कोई क्षति नहीं होगी। खराब मौसम या भूकंप का भी इस पर असर नहीं होगा।
हाईस्पीड ट्रेनों मैग्लेव यानी मैग्नेटिक लेवीटेशन की तकनीक किसी वाहन को हवा में ऊपर उठाते हुए बेहद तेज रफ्तार प्रदान करती है। इसी तरह हाइपरलूप के पॉड्स यानी ट्रैक में लगे चुंबक ट्यूब में लगी क्वायलों में प्रतिकर्षण (रिफ्लेक्शन) पैदा कर उसे ऊपर उठा देंगे। गति घटाते वक्त उत्पन्न ऊर्जा का प्रयोग मोटर की बैटरियों का रिचार्ज करने में होगा।
बुलेट ट्रेन में प्रयुक्त कॉपर की जगह इसमें ट्रैक के दोनों ओर एल्युमिनियम क्वॉयल होगी
पॉड्स के ब्रेक लगने से उत्पन्न होगी ऊर्जा, चार्ज होंगी इलेक्ट्रिक मोटर की बैटरियां
ट्रैक के आसपास बिजली स्टेशनों की जरूरत नहीं, निर्माण की लागत कमी आएगी
4 कंपनियां होड़ में
– स्पेसएक्स
– नासा और स्काईट्रान
– हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजीज
– हाइपरलूप टेक्नोलॉजीज इंक