नई दिल्ली: भारत में बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ कम उम्र वाले नागरिकों (20 से 30 उम्र) की तादाद भी तेज़ी से बढ़ रही है, जिसे डेमोग्राफिक डिविडेंड कहते हैं। इसी वजह से भारत को युवा शक्ति से लबरेज कहा जाता है। भारत सरकार भी डेमोग्राफिक डिविडेंड के जरिए देश की अर्थव्यस्था को गति देने की राह पर काम रही है। हाल ही में मैनपावर ग्रुप डॉट कॉम के मिलेनियम करियर्स ने एक शोध किया। इस शोध के मुताबिक, भारतीय युवा दुनियाभर में सर्वाधिक घंटे काम करता है। मैनपावर ग्रुप डॉट कॉम ने 25 देशों के 18 से लेकर 35 उम्र के लोगों को इस शोध में शामिल किया। शोध के मुताबिक, भारत में प्रत्येक युवा सप्ताह में 52 घंटे काम करता है।
वहीं चीन,अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों की तुलना में भारतीय युवा अधिक काम करते हैं। जबकि 80 प्रतिशत भारतीय युवाओं को अपने कार्य के प्रति आत्मविश्वास होता है। अगर देश के युवा इसी आत्माविश्वास के साथ कार्य करते रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत वैश्विक स्तर पर सबसे आगे होगा।