14.5 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

विकासशील देशों की डब्‍ल्‍यूटीओ मंत्रिस्‍तरीय बैठक नई दिल्‍ली में सम्‍पन्‍न

देश-विदेश

नई दिल्ली: विकासशील देशों की डब्‍ल्‍यूटीओ मंत्रिस्तरीय बैठक नई दिल्ली में सम्पन्न हुई। केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु की मेजबानी में आयोजित रात्रिभोज के साथ कल शाम मंत्रिस्‍तरीय बैठक की शुरुआत हुई। विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) के महानिदेशक श्री रॉबर्टो अजेवेडो भी रात्रिभोज के दौरान उपस्थित थे।

श्री सुरेश प्रभु  ने रात्रिभोज के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यह बैठक नई दिल्‍ली में ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब व्‍यापार संबंधी तनाव में कमी होने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है और संरक्षणवादी प्रवृत्तियां बढ़ती जा रही हैं, जिसके मद्देनजर अब समय आ गया है कि बहुपक्षीय व्‍यवस्‍था के तहत सामूहिक रूप से आगे की राह के बारे में विचार-विमर्श किया जाए।

वाणिज्‍य मंत्री ने यह भी कहा कि साझा हित, विशेषकर विकासशील देशों के सभी मुद्दों पर मुक्‍त एवं खुलकर विचारों का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्‍ली में आयोजित मंत्रिस्‍तरीय बैठक भारत द्वारा की गई एक पहल है। उन्‍होंने कहा कि इस दौरान इन संभावनाओं को तलाशा जाएगा कि डब्‍ल्‍यूटीओ में सुधार से संबंधित सुझावों से उभरने वाली चुनौतियों से किस तरह सामूहिक रूप से निपटा जा सकता है।

       डब्‍ल्‍यूटीओ के महानिदेशक श्री रॉबर्टो अजेवेडो ने कल रात रात्रिभोज के दौरान अपने संबोधन में कहा कि सुधार प्रक्रिया से डब्‍ल्‍यूटीओ में गहराया मौजूदा संकट कम हो जाएगा। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान प्रणाली को नष्‍ट करने के बारे में चर्चाएं करना सही तरीका नहीं है और इससे संभवत: अपेक्षित नतीजे नहीं निकलेंगे। डब्‍ल्‍यूटीओ के महानिदेशक ने वर्तमान प्रणाली में ही रहकर काम करने का सुझाव दिया।

      उन्‍होंने कहा कि विवाद निपटान संकट एक गहरा संकट है और सभी देशों को इसका समाधान ढूंढ़ना चाहिए। डब्‍ल्‍यूटीओ के महानिदेशक ने कहा कि यथास्थिति अब कोई विकल्‍प नहीं है और सभी सदस्‍य देशों को इसका समाधान ढूंढ़ने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।

      श्री रॉबर्टो अजेवेडो ने कहा कि बहुपक्षीयवाद को विकसित और विकासशील देशों के बीच एक विभाजन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, क्‍योंकि इसमें दोनों ही पक्षों के सदस्‍य होते हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि विशेष तरजीह देने वाली व्‍यवस्‍था निश्चित रूप से अनूठी होनी चाहिए, ताकि गतिरोध को समाप्‍त किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि यदि यह गति‍रोध समाप्‍त नहीं किया गया, तो इसकी दिशा कुछ भी हो सकती है। श्री अजेवेडो ने कहा कि आदर्श तरीका यह हो सकता है कि कोई मानक (बेंचमार्क) तय किया जाए, क्‍योंकि विशेष तरजीह पहले से ही दी जा रही है और यह छोटे विकासशील देशों के लिए आवश्‍यक है। डब्‍ल्‍यूटीओ के महानिदेशक ने कहा कि सर्वोत्‍तम तरीका यह है कि व्‍यापार सुविधाजनक समझौते वाला एक ऐसा मॉडल तैयार किया जाए, जिसके तहत विभिन्‍न देश अपने-अपने मानदंड तय कर सकते हैं।

      श्री सुरेश प्रभु ने आज सुबह मंत्रिस्‍तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र में कहा कि विकासशील देशों में अरबों लोग रहते हैं, अत: उन्‍हें विकास के लाभों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि डब्‍ल्‍यूटीओ एक संस्‍थान है, जो मदद के बजाय व्‍यापार के जरिये विभिन्‍न देशों के विकास से जुड़ी इन चिंताओं को दूर करता है। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि उन्‍हें भरोसा है कि नई दिल्‍ली में आयोजित मंत्रिस्‍तरीय बैठक में किये गये ठोस प्रयासों से एक ऐसे डब्‍ल्‍यूटीओ के अभ्‍युदय का मार्ग प्रशस्‍त होगा, जो इसके मौजूदा स्‍वरूप से बेहतर होगा।

      वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली उन सभी देशों की सामूहिक जवाबदेही है, जिनकी इसमें सहभागिता है। यह संबंधित देशों का कर्तव्‍य है कि वे आपस में टकराने वाले हितों, उद्देश्‍यों एवं विचारधाराओं का सही रास्‍ता सफलतापूर्वक निकालें, ताकि इस मूल्‍यवान संस्‍थान को संरक्षित एवं सुदृढ़ किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि गैर-भेदभाव, अपेक्षित कदम, पारदर्शिता, आम सहमति से निर्णय लेने की परम्‍परा और अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली में अंतर्निहित विकास के लिए प्रतिबद्धता इतने ज्‍यादा अहम हैं कि उन्‍हें गंवाया नहीं जा सकता।

      नई दिल्‍ली में आयोजित की गई मंत्रिस्‍तरीय बैठक का उद्देश्‍य बहुपक्षीयवाद में नई जान फूंकना एवं उसे सुदृढ़ करना है और इसके साथ ही निर्णय लेने की एक ऐसी प्रक्रिया शुरू करनी है, जो अपे‍क्षाकृत ज्‍यादा समावेशी हो। इस उद्देश्‍य की पूर्ति के लिए यह आवश्‍यक है कि ज्‍यादा से ज्‍यादा विकासशील देशों के सामूहिक नजरिये को डब्‍ल्‍यूटीओ में सुधार के लिए पेश किये गये प्रस्‍तावों में औपचारिक रूप से व्‍यक्‍त या समाहित किया जाए।

      एक साल पहले 19-20 मार्च, 2018 को भारत ने एक अनौपचारिक डब्‍ल्‍यूटीओ मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन आयोजित किया था, जिसमें 50 से भी अधिक सदस्‍य देशों ने भाग लिया था। इन सदस्‍य देशों में विकसित एवं विकासशील दोनों ही देश शामिल थे। मार्च, 2018 में नई दिल्‍ली में आयोजित सम्‍मेलन में इस बात पर विशेष जोर दिया गया था कि नियम आधारित बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली के कामकाज एवं विश्‍वसनीयता को अक्षुण्‍ण रखने के साथ-साथ इसे और बढ़ाया जाए, जैसा कि डब्‍ल्‍यूटीओ में सन्निहित है।

      वाणिज्‍य मंत्री ने उम्‍मीद जताई कि नई दिल्‍ली में आयोजित मंत्रिस्‍तरीय बैठक में डब्‍ल्‍यूटीओ से जुड़ी वार्ताओं में विकास की केन्‍द्रीयता का फिर से अनुमोदन किया जाएगा और इसके साथ ही इसके मूल में विकास को रखते हुए डब्‍ल्‍यूटीओ में सुधारों के लिए सुझाव दिये  जाएंगे।

विकासशील देशों की विश्‍व व्‍यापार संगठन की मंत्रिस्‍तरीय बैठक का निष्‍कर्ष

  1. हम अरब गणराज्य मिस्र, बारबाडोस, मध्‍य अफ्रीकी गणराज्‍य, संघीय गणराज्‍य नाइजीरिया, जमैका, सऊदी अरब, मलेशिया, गणराज्‍य, बांग्लादेश, चीन, बेनिन गणराज्य, चाड गणराज्य, भारत गणराज्‍य, इंडोनेशिया गणराज्य, मलावी गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका गणराज्य, युगांडा गणराज्य और ओमान सल्तनत के मंत्री और उच्‍च अधिकारियों ने विश्‍व व्‍यापार संगठन में अभी हाल के घटनाक्रमों पर विचार करने और बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए सभी सदस्‍यों के साथ मिलकर कार्य करने के तरीकों का पता लगाने के लिए 13 और 14 मई, 2019 को नई दिल्‍ली में बैठक की।
  2. हम व्‍यापार नियम स्‍थापित करने और शासन के लिए वैश्विक मंच के रूप में विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍यूटीओ) की श्रेष्‍ठता की पुष्टि करते हैं। हम नियम आधारित बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली का सामना करने वाली विविध चुनौतियों के बारे में ध्‍यान देते हुए डब्‍ल्‍यूटीओ को मजबूत बनाने, अधिक प्रभावी बनाने और इसके सदस्‍यों की विविध जरूरतों के प्रति प्रासंगिक बने रहने के लिए मिलकर काम करने के लिए सहमति व्‍यक्‍त करते हैं। यह कार्य डब्‍ल्‍यूटीओ के उद्देश्‍यों के अनुरूप होगा।
  3. हम डब्‍ल्‍यूटीओ की विवाद निपटान प्रणाली, जो बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली है, में सुरक्षा और पूर्वानुमान उपलब्‍ध कराने वाले केन्‍द्र बिंदु की पुष्टि करते हैं। यह अपने पूर्ववर्ती जीएटीटी की तुलना में अधिक प्रभावी और विश्‍वसनीय साबित हुई है। हम इस बात पर ध्‍यान देते है कि अपीलीय निकाय में रिक्तियों को भरने के लिए चयन प्रक्रिया में आम सहमति स्‍थापित करने में सदस्‍य असफल रहे हैं। इस जारी गतिरोध के कारण विवाद निपटान प्रणाली कमजोर हुई है और दिसंबर, 2019 तक इसके पूरी तरह पंगु होने का खतरा है। इसलिए हम सभी डब्‍ल्‍यूटीओ सदस्‍यों से यह अनुरोध करते हैं कि वे अपीलीय निकाय में खालीपदों को भरने के लिए बिना कोई देरी किए इस चुनौती से निपटने के लिए रचनात्‍मक रूप से कार्य करें। इसके साथ-साथ विवाद निपटान प्रणाली तंत्र की कार्य प्रणाली से संबंधित अन्‍य मुद्दों के बारे में भी विचार-विमर्श जारी रखा जाए।
  4. समानता और आपसी सम्‍मान पर अधारित एक समावेशी बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली यह सुनिश्चित करे की सभी सदस्‍य डब्‍ल्‍यूटीओ के नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार के संरक्षणवाद को समाप्‍त करें। बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली के मूल्‍यों और मूल तत्‍वों को, विशेष रूप से सदस्‍य देशों में विश्‍वास को बनाए रखने के लिए संरक्षित और मजबूत बनाया जाए। इसके लिए हमारा डब्‍ल्‍यूटीओ सदस्‍यों से यह अनुरोध है कि बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली को किसी भी प्रकार के जोखिम से बचाने के लिए डब्‍ल्‍यूटीओ के नियमों के अनुकूल उपायों को अपनाया जाए।
  5. आम सहमति के आधार पर बहुपक्षीय प्रयास समग्र विकास जनित परिणामों को अर्जित करने के अधिक प्रभावी साधन कायम रहें। सदस्‍यों को एक संतुलित तरीके से समका‍लीन व्‍यापार वास्‍तविकताओं की चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्‍न विकल्‍पों का पता लगाने की जरूरत है। हमें पता चला है कि एमसी-11 के बाद के चरण में अधिकांश सदस्‍यों ने संयुक्‍त पहल दृष्टिकोण के माध्‍यम से कुछ क्षेत्रों में परिणामों को आगे बढ़ाने में रूचि दर्शाई है। इन पहलों के निष्‍कर्षों को बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली को हितकर और मजबूत होना चाहिए।   
  6. हमें यह स्‍मरण है कि अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार स्‍वयं में एक अंत नहीं बल्कि जीवनस्‍तर को ऊंचा करने सहित कुछ उद्देश्‍यों को पूरा करने का एक साधन है। बहुपक्षीय व्‍यापार प्रणाली की प्रमुख परिभाषित विशेषताओं में विशेष और विभेदक प्रबंध शामिल है। यह वैश्विक व्‍यापार में विकासशील सदस्‍यों के एकीकरण के लिए आवश्‍यक है। विशेष और विभेदक उपचार प्रबंध प्रावधान विकासशील देशों के लिए उपयुक्‍त हैं और इन्‍हें वर्तमान और भविष्‍य के डब्‍ल्‍यूटीओ समझौतों में संरक्षित और मजबूत बनाया जाना चाहिए और बकाया एलडीसी मुद्दों के बारे में प्राथमिकता से ध्‍यान दिया जाना चाहिए।
  7. हम विशेष रूप से एलडीसी में उन्‍नत एकीकृत ढांचे, विकास और अन्‍य तकनीकी उपकरणों के माध्‍यम सेविकासशील सदस्‍यों के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के महत्‍व पर जोर देते हैं। हम सदस्‍यों से ऐसा करते रहने का अनुरोध करते हैं।
  8. विश्‍व व्‍यापार संगठन सुधार की प्रक्रिया में विकास मुख्‍य मुद्दा होना चाहिए। इसके अलावा, समग्र विकास को बढ़ावा देना और विकासशील सदस्‍यों के हितों और चिंताओं को ध्‍यान में रखना चाहिए। इसमें एलडीसी की विशेष चुनौतियां भी शामिल हैं। आगे का रास्‍ता ऐसी प्रक्रिया के माध्‍यम से निर्धारित किया जाना चाहिए जो खुली, पारदर्शी और समावेशी हो। हम यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे साझा हित डब्‍ल्‍यूटीओ सुधार प्रक्रिया में परिलक्षित हों विकास के प्रस्‍तावों के उद्देश्‍य के लिए सामूहिक रूप  से कार्य करने पर सहमत हैं।
  9. डब्‍ल्‍यूटीओ नियमों को एक खुले गैर-भेदभाव वाले व्‍यापार संघ को बढ़ावा चाहते हैं। सदस्‍यों में विश्‍वास को जगाने के लिए यह आवश्‍यक है कि डब्‍ल्‍यूटीओ के मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन अधिक खुले पारदर्शी और समावेशी तरीके से आयोजित किए जाएं। डब्‍ल्‍यूटीओ अधिसूचना के दायित्‍वों को, विशेष रूप से एलडीसी में, अवरोधों और कार्यान्‍वयन संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहे विकासशील सदस्‍यों की क्षमता के बारे में विचार करना चाहिए। डब्‍ल्‍यूटीओ में अधिक सहयोगी और क्रमिक दृष्टिकोण पारदर्शिता के मुद्दों से निपटने का सबसे अच्‍छा तरीका है, क्‍योंकि अधिकांश विकासशील सदस्‍य अधिसूचना की बाध्‍यताओं का पालन करने में संघर्ष कर रहे हैं।  
  1. कृषि पर समझौते जैसे कुछ डब्‍ल्‍यूटीओ समझौतों में असंतुलन और असमानता है, जो विकासशील देशों के व्‍यापार और विकास हितों को क्षति पहुंचाते हैं। विकासशील देशों को पर्याप्‍त नीति सहायता दिए जाने की जरूरत है, ताकि वे अपने किसानों को मदद पहुंचा सकें। इसके लिए इस समझौते के असंतुलन को प्राथमिकता के आधार पर संशोधित किया जाना चाहिए। अल्‍पविकसित देशों तथा खाद्यान्‍न आयात करने वाले विकासशील देशों को रियायते दी जानी चाहिए।
  2. विकासशील देशों के साझा हितों के विभिन्‍न मुद्दों पर परामर्श के लिए हम सहमत हैं। इसमें विकासशील देशों के लिए मत्स्य पालन सब्सिडी से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
  3. हम डब्‍ल्‍यूटीओ सदस्‍यों से नये सदस्‍यों को शामिल करने की प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह करते हैं।
  4. सभी सदस्‍यों के लाभ के लिए हम विकास और समावेश को बढ़ावा देते हुए डब्‍ल्‍यूटीओ को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More