लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्कालीन मुख्य अभियन्ता, नोयडा, ग्रेटर नोयडा एवं यमुना एक्सप्रेस-वे श्री यादव सिंह (सम्प्रति निलम्बित) द्वारा अपने पद पर कार्यरत रहते हुये निर्माण कार्य हेतु दिये गये ठेकों में संगठित एवं व्यापक रूप से की गयी अनियमितताओं पद के दुरूपयोग और भ्रष्ट आचरण संबंधित आरोपों की जांच के लिये एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया है।
न्यायमूर्ति (से0नि0) श्री अमर नाथ वर्मा, जिनका कार्यालय गोमती नगर, लखनऊ के विभूति खण्ड स्थित पिकप भवन के भूतल पर है, ने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि आयोग द्वारा जिन चार बिन्दुओं पर विशेष रूप से विशेष जांच की जानी है उनमें 1- विभिन्न स्तरों पर श्री यादव की पदोन्नतियों में निर्धारित प्रक्रिया/मापदण्डों का पालन हुआ है या नहीं, 2-श्री यादव द्वारा विनिर्माण से संबंधित दिये गये ठेकों में निर्धारित प्रक्रिया/मापदण्डों का अनुपालन हुआ है या नहीं, 3- भ्रष्टाचार एवं कदा चरण के तथ्यों का छिद्रान्वेषण, तथा 4-माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित अथवा केन्द्रीय अधिकारण, जो इस संबंध में जांच कर रहा है, के द्वारा संदर्भित मामले भी जांच के क्षेत्राधिकार में होना शामिल हैं।
जांच आयोग ने सर्व-साधारण ये यह अपेक्षा की है कि इन बिन्दुओं अथवा अथवा संगत विषय पर किसी भी व्यक्ति के पास केाई जानकारी, तथ्य अथवा साक्ष्य उपलब्ध हो तो वह शपथ पत्र के साथ आयोग के उक्त पते पर एक महीने के अन्दर प्रेषित करें।