नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल नई दिल्ली में पहले राष्ट्रीय जनजातीय कार्निवाल का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अनिल माधव दवे, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत, केन्द्रीय गृह राज्य श्री किरण रिजिजू और इस्पात राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साई भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
इस कार्निवाल का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों में समग्रता की भावना को बढ़ावा देना है। इस कार्निवाल में आदिवासी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं का बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा और उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा। इसके पीछे मुख्य धारणा जनजातीय जीवन के संस्कृति, परंपरा, रीति-रिवाज और कौशल से संबंधित विभिन्न पहलुओं को संरक्षण और बढ़ावा देने के अलावा जनजातियों के समग्र विकास के लिए संभावनाओं का उपयोग करने के दृष्टिकोण से आम जनता के सामने लाना है। परंपरागत सामाजिक-संस्कृति पहलुओं पर दस्तावेजों का प्रदर्शन, कला/कलाकृतियों की प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रदर्शनी, खेल, चित्रकला और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों जैसे कौशल का प्रदर्शन इस चार दिवसीय आयोजन के मुख्य हिस्से होंगे। पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विस्तार) अधिनियम, 1996 (पीईएसए) और इसके कार्यान्वयन, जनजातीय समुदाय को लाभ और इसकी कामियां, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006, इसके निहितार्थ और राजनीति तथा भर्ती में आरक्षण भी इस कार्निवाल के हिस्से होंगे।
कार्निवाल के दौरान संगीत और नृत्यों के प्रदर्शन, अन्य प्रदर्शनियां, शिल्प का प्रदर्शन, फैशन शो, पैनल वार्ता, पुस्तक मेला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्निवाल में कला, संगीत, परंपरागत भोजन, अनुभव और ज्ञान से भरपूर भारत की परंपरागत आदिवासी जीवनशैली से संबंधित अनेक मनोरंजक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रगति मैदान के हॉल नंबर 7 में 26 से 28 अक्टूबर, 2016 तक कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां आयोजित की जा रही हैं। पूरे देश से लगभग 1600 जनजातीय कलाकारों और लगभग 8000 जनजातीय प्रतिनिधियों के इस कार्निवाल में भाग लेने की उम्मीद हैं। खेल, कला, संस्कृति, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रख्यात जनजातीय हस्तियों को भी इस कार्निवाल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस कार्निवाल में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न भागों से जनजातीय कलाकारों को लाने ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों को बुक किया गया है।
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