नई दिल्ली: सरकार ने भारतीय चिकित्सा पद्धति तथा होम्योपैथी-2002 पर राष्ट्रीय नीति निर्धारित किया है। इसमें योग का संपूर्ण विकास शामिल है। सरकार ने केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय आयूष मिशन (एमएएम) तथा विभिन्न केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के माध्यम से योग को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रमों तथा संचालन उपायों का निर्धारण किया है। मंत्रालय द्वारा आयूष मंत्रालय से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विचार करने तथा सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है। इन विषयों में शिक्षा और अभ्यास के लिए योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा के संवर्धन, विकास और नियमन के लिए प्राथमिकता का विकल्प शामिल है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा (एनसीएफ) 2005 को स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में सिफारिश करने की सूचना दी है। एनसीएफ 2005 देश के लिए नीति दस्तावेज है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बताया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध 15962 स्कूलों को प्रतिदिन पहली कक्षा से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को आवश्यक रूप से 40-45 मिनट की शारीरिक गतिविधि और खेलों को शुरू करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि 11वीं-12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह दो पीरियड (90-120 मिनट/सप्ताह) के लिए शारीरिक गतिविधि/खेल/सामूहिक शारीरिक प्रशिक्षण/योग में शामिल होना चाहिए। बोर्ड ने 11वी तथा 12वीं कक्षा के लिए शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा को पाठ्यक्रम का आवश्यक भाग बनाने की पेशकश की है। शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय परिषद ने प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्चतर माध्यमिक, शारीरिक शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा जैसे 15 शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से योग शिक्षा को अध्ययन का आवश्यक भाग बनाया है।
एनसीटीई ने प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा तथा शिक्षा स्नातकोत्तर के लिए योग शिक्षा पर मॉड्यूल विकसित किया है। इसका उपयोग 18,000 शिक्षक शिक्षा संस्थान तथा इन संस्थानों के 14,00,000 विद्यार्थी शिक्षक तथा शिक्षक प्रशिक्षक करेंगे। यह जानकारी आज राज्य सभा में आयूष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद यसो नाइक ने एक आतारांकित प्रश्न के उत्तर में दी।