लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा है कि योग हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा प्रदान की गयी एक बहुमूल्य धरोहर है जिससे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे विश्व को परिचित कराया। आज दुनिया के अधिकांश देश योग को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि योग सिर्फ अध्यात्म से जुड़ने का मार्ग नहीं बल्कि शरीर को स्वस्थ एवं निरोग रखने की कला है। उन्होंने कहा कि आज भौतिकवाद से पीड़ित मानवता को विभिन्न असाध्य रोगों से बचाव के लिए योग को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
श्री जयवीर सिंह आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयुष विभाग उ0प्र0 के सौजन्य से नवम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अन्तर्गत 15 जून से 21 जून, 2023 तक आयोजित योग सप्ताह के शुभारम्भ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 11 दिसम्बर, 2014 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में योग की महत्ता को जोरदार तरीके से रखते हुए पूरे विश्व से इसे अपनाने का प्रस्ताव किया था। जिसके फलस्वरूप आज योग दुनिया के लगभग 175 देशों में रोजमर्रा के जीवन का अंग बन चुका है।
श्री जयवीर सिंह ने कहा कि जीवन की सफलता की सीढ़ी के लिए योग अहम है। योग से व्यक्ति स्वस्थ होता है। परिवार स्वस्थ होता है। समाज स्वस्थ होता है और स्वस्थ समाज से देश प्रगति की राह में आगे बढ़ता है। हमारे मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी का सतत प्रयास है कि सभी निरोगी रहें, इसी भावना के तहत हर आंगन योग ध्येय वाक्य से इस वर्ष का अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का पूरी मनोयोग से निर्वहन करें तो भारत एक दिन अवश्य विकसित राष्ट्र बन जायेगा।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना ने सभी को योग सप्ताह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आयुष मानवता की सेवा करता है। लोग परेशानियों में अथवा बीमारियों में आयुष विभाग के पास आते हैं और स्वस्थ होकर घर वापस जाते हैं। इस प्रकार आयुष विभाग बीमार, परेशान लोगों की सेवा करता है। उन्होंने कहा कि योग आपकी हेल्थ को प्रमोट करता है। आज पूरी दुनिया में योग को विशेष रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ठीक है तो सब ठीक है। उन्होंने एक श्लोगन लोगों को दिया। ‘‘जो फिट है, वही हिट है’’। उन्होंने कहा कि वन विभाग अन्य विभागों के सहयोग से ईको पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर आयुष मंत्री डॉ0 दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि योग पहले हिमालय की गुफाओं एवं कन्दराओं का विषय माना जाता था। हमारे ऋषि, महर्षि एवं मनीषियों द्वारा पुरातन काल से इन जगहों पर रहकर योग किये जाने के प्रमाण हैं लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी को इस बात के लिए बधाई कि उन्होंने इस विधा को जन-जन तक पहुंचाया। 21 जून को पूरा विश्व योग के लिए एक साथ खड़ा होता है। उन्हांेने वन मंत्री एवं पर्यटन मंत्री जी को धन्यवाद दिया कि तीनों विभागों के सांझा प्रयास से ईको टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने के लिए नीति बनाया, जिससे कि लोगों को पर्यटन के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक आयुष विद्यमान है। उत्तर में जहां सिंगपा है वहीं दक्षिण भारत सिद्धा के माध्यम से लोगों तक आयुष की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमारे देश में आयुष की सभी विधाएं जैसे-आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी इत्यादि मौजूद हैं। यूनानी और होम्योपैथ का सबसे बड़ा पोषक भारत ही है। उन्होंने कहा कि सभी विधाएं लोगों के स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए हैं। उन्होंने सभी से योग करने एवं निरोग रहने हेतु आह्वान किया।
मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने योग के विषय में विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पूरे विश्व में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आज से पूरे प्रदेश में योग सप्ताह का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों एवं संतों ने इस योग को पृथ्वी पर उतारा है। 88 हजार ऋषि-मुनियों ने नैमिषारण में वैदिक एवं योगिक संस्कृति को जोड़ा था। उन्होंने कहा कि योग हमारे देश का ज्ञान विश्व के कोने-कोने पर पहुंच रहा है। हर आंगन योग के माध्यम से योग होना चाहिए, जिससे कि हम सभी स्वस्थ रहें। योग हमारे आत्मा एवं शरीर को जोड़ता है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश मेश्राम ने इस अवसर पर कहा कि स्वस्थ रहने, अच्छा जीवन जीने, सामंजस्य स्थापित करने के लिए योग को अपनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से अच्छे विचारों को अपने जीवन में शामिल करने की आवश्यकता है। पर्यटन विभाग एवं आयुष विभाग मिल कर योग के विषय में अच्छा कार्य कर सकते हैं। उन्हांेने योग सप्ताह के सफल आयोजन के लिए बधाई भी दिया।
प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती लीना जौहरी ने इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरे प्रदेश में आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से आमजन को जागरूक भी किया जा रहा है। योग उनके स्वस्थ जीवन के लिए कितना उपयोगी है। जीवन के लिए कितना उपयोगी है। उन्होंने कहा कि योग एवं प्रकृति का अटूट रिश्ता है इसको दृष्टिगत रखते हुए योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में योग कार्यक्रम आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। इसके आयोजन में आयुष विभाग की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष नवम अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाना है। जिसकी शुरूआज योग सप्ताह 15 जून, 2023 से 21 जून, 2023 तक की जा रही है। आयुष मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग की थीम योगा फॉर वसुधैव कुटुम्बकम एवं उसके लिए टैगलाइन ‘‘हर आंगन योग’’ रखा गया है।
इस अवसर पर आयुष विभाग द्वारा ई-आयुष पत्रिका का विमोचन एवं आयुष पौधों का रोपड़ भी किया गया। इसके साथ ही आयुष एवं पर्यटन विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर लखनऊ के जिलाधिकारी श्री सूर्यपाल गंगवार, मिशन निदेशक आयुष श्री महेन्द्र वर्मा, निदेशक आयुर्वेद डॉ0 पी0सी0 सक्सेना, निदेशक होम्योपैथ डॉ0 ए0के0 वर्मा, निदेशक यूनानी डॉ0 अब्दुल वाहिद, पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।