लखनऊः प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय जीवन-पद्धति है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। तीनों के स्वस्थ रहने से आप स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है। योग शरीर को शक्तिशाली एवं लचीला बनाने के साथ ही तनाव रहित बनाता है और तनाव रहित जीवन रोजमर्रा की जिन्दगी के लिए आवश्यक है। डा0 शर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से दुखी है जिसके कारण वह तनाव ग्रसित हो रहा है। तनाव को दूर करने में योग अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
डॉ0 शर्मा आज लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में आयोजित चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग पखवाड़ा के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है और हमें मजबूत और शांतिपूर्ण बनाता है। योग आवश्यक है क्योंकि यह हमें फिट रखता है, तनाव को कम करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखता है और एक स्वस्थ मन ही अच्छी तरह से ध्यान केंद्रित करने में सहायता कर सकता है। योग शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखता है। अगर मन स्वस्थ व शान्त रहेगा तो व्यक्ति बेहतर ढ़ग से कार्य कर सकेगा, जिससे समाज का विकास तीव्र गति से होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा जो अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस शुरू किया गया है आज वह पूरे विश्व में अपनाया जा रहा है। योग के माध्यम से युवाओं को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के अथक प्रयास एवं आवाहन पर आज भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के लोग योग के प्रति उन्मुख हुए हैं और उन्होंने योग को अपनी नियमित दिनचर्या में भी शामिल किया है।
आयुष राज्य मंत्री श्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि उ0प्र0 में आयुष विभाग ने तेजी से काम किया है। जन जन तक आयुष विधा को पहुंचाया गया है, योग सम्बन्धित प्रतियोगिता, सेमिनार और पखवाड़ा का आयोजन किया गया। योग और आयुष विधा को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है। स्कूलों में कक्षा 01 से 12 तक के विद्यार्थियों में योग के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए योग को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा, जिससे प्रदेशवासी निरोगी व रोगमुक्त रह सके। श्री सैनी ने कहा कि जो व्यक्ति लगातार योग करता है उसे कोई बीमारी नहीं हो सकती है। उ0प्र0 राज्य आयुष सोसाइटी, आयुष विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2018 को आयुष मंत्रालय की ओर जारी योग के प्रोटोकाल का पालन करते हुए प्रदेश भर में वृहद स्तर पर सफलतापूर्वक मनाया गया।
सचिव आयुष श्री मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में आयुष विधा को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रयास किये जा रहे है। आयुष आपके द्वार और योग सम्बन्धी कई कार्यक्रम जनपदों में संचालित किये जा रहे है। आने वाले वक्त में आयुष ऐप शुरू किया जायेगा, जिससे मरीजों के इलाज में आसानी होगी और चिकित्सा सम्बन्धित सुविधाओं में पारदर्शिता आयेगी। वर्तमान समय में 33 आयुर्वेदिक चिकित्सालय, 16 यूनानी चिकित्सालय तथा 232 होम्योपैथिक चिकित्सालय के उच्चीकरण मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही 15 आयुर्वेदिक एवं एक यूनानी विधा के 25 शैय्यायुक्त एकीकृत नवीन चिकित्सालयों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। आयुष विभाग द्वारा औषधि पौधे की खेती की जायेगी, जिससे रोजगार भी बढ़ेगा और दवाओं की संख्या भी बढ़ायी जा सकेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने की। कार्यक्रम में आयुष विभाग के विशेष सचिव श्री सोवरन सिंह, आयुक्त सहारनपुर श्री सी0पी0 त्रिपाठी, डी0एम0 सहारनपुर श्री आलोक कुमार पाण्डेय, आयुष परामर्शदाता श्री मणि प्रसाद मिश्रा, आयुष सोसाएटी के श्री जे0पी0 सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी आयुर्वेद राजभवन, लखनऊ डा0 शिव शंकर त्रिपाठी, लखनऊ विश्वविद्यालय के योग प्रोफेसर अमरजीत यादव उपस्थित थे।
कार्यक्रम में योग पखवाड़ा में उत्कृष्ट प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया जिसमें प्रथम पुरस्कार सहारनपुर जिलाधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी सहारनपुर, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी सहारनपुर, द्वितीय पुरस्कार फिरोजाबाद जिलाधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी फिरोजाबाद, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी फिरोजाबाद, तृतीय पुरस्कार जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी मुजफ्फरनगर, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी मुजफ्फरनगर को दिया गया। इसके अलावा पांच जनपदों को प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिया गया जिसमें बरेली, आगरा, हापुड़, सुल्तानपुर और महोबा है। इसके साथ ही तीन संस्थाओं को भी पुरस्कृत किया गया जिसमें प्रथम संस्थान पतांजलि योगपीठ, द्वितीय पुरस्कार प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय, तृतीय स्थान देव संस्कृति विश्वविद्यालय गायत्री परिवार को प्रदान किया गया।