लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद प्रयागराज में बसंत पंचमी के अवसर पर संगम में स्नान किया। इस अवसर पर ‘गंगा यात्रा’ में शामिल जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ सहित अन्य मंत्रियों ने भी संगम में आस्था व श्रद्धा के साथ स्नान किया। उन्होंने सभी मंत्रिगण के साथ गंगा जी का पूजन व आरती की और गुब्बारे छोड़कर स्वच्छता का संदेश भी दिया।
इस अवसर पर पंचायतीराज विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने देश में मनाए जाने वाले त्योहारों पर प्रचलित प्रथाओं का उत्साहवर्धन करते हुए पतंग उड़ायी। उन्होंने गंगा जी के किनारे बनाए गए ‘गंगा यात्रा’ सेल्फी प्वाइण्ट पर फोटो खिंचवायी। आस्था, संस्कृति, परम्पराओं व सामाजिक कार्यकलापों के इस अद्भुत संगम में उन्होंने गंगा जी के किनारे आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता करते हुए समाज के साथ चलने का संदेश दिया।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री के रूप में प्रयागराज कुम्भ-2019 के बाद संगम में आज उन्होंने दूसरी बार स्नान किया है। संगम में स्नान करने वाले वे उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं। ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत पूरे प्रदेश में गंगा जी को निर्मल और अविरल बनाने की दिशा में निरन्तर कार्य किया जा रहा है, जिसके चलते गंगा जी अब पहले से ज्यादा स्वच्छ हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं के लिए अब गंगा जी का जल स्नान और आचमन के योग्य हो गया है।
बसन्त पंचमी पर संगम तट पर स्नान का पौराणिक महत्व है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के मौके पर किया गया स्नान अमृत स्नान के समान होता है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम होता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन संगम में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और महापुण्य मिलता है।