लखनऊ: दशकों से पिछड़े बुंदेलखंड के लिए केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार रामबाण साबित हो रही है। बुंदेलखंड के चहुंमुखी विकास के लिए प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर कार्य करा रही है और उसके परिणाम भी दिखने शुरू हो गए हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से लेकर डिफेंस कारिडोर सहित दर्जनों परियोजनाएं बुंदेलखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाली हैं। प्रदेश सरकार के पौने पांच साल में सात बड़ी परियोजनाएं पूरी हुई हैं और कई अन्य जल्द पूरी होने वाली हैं। इससे सिंचाई की सुविधाओं में भी इजाफा हो रहा है। इनके इतर, करीब डेढ़ दशक से लंबित केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर मुहर लगने से सोने पर सुहागा साबित हो रही है।
केंद्र सरकार ने केन-बेतवा लिंक परियोजना पर बुधवार को कैबिनेट बैठक में मुहर लगाई है। बुंदेलखंड में घर-घर पानी और खेत-खेत पानी पहुंचाने वाली बहुप्रतीक्षित इस महत्वाकांक्षी परियोजना से 103 मेगावाट पन बिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का भी लक्ष्य है। परियोजना से प्रदेश के बांदा, महोबा, हमीरपुर, झांसी और ललितपुर सहित कई जिलों के किसानों और लाखों लोगों को शुद्ध पेयजल की सौगात मिलेगी। इस परियोजना से बुंदेलखंड की सूखी धरती में पानी समाने से भूजल का स्तर भी ऊपर आएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के बीच 22 मार्च को समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। डबल इंजन की सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस विजन को साकार कर रही है, जहां प्राय: सूखा पड़ता है और जिन इलाकों में पानी की भारी कमी है। इसके लिए नदियों को आपस में जोड़कर पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का विचार था।
दशकों से लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर योगी सरकार पूरा करा रही: सिंह
जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि पिछली सरकारें किसान विरोधी थीं, उन्होंने कभी भी किसानों या आम लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण बुंदेलखंड क्षेत्र प्यासा और सूखा रहा। दशकों से लंबित परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर योगी सरकार पूरा करा रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र में पौने पांच साल में सिंचाई की सात बड़ी परियोजनाएं पूरी होने से 2,16,666 हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता में बढोतरी हुई है और 2,28,345 से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 12 परियोजनाएं पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत 44 वर्षों से लंबित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करने जा रहे हैं। इससे पूर्वांचल के 14.04 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की वृदिध होगी और 29.74 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।