वर्ष 2019 के आखिर में जब लोग आगामी वर्ष के सुखद आगमन की कामना कर रहे थे, वहीं चीन के बुहान में सदी की सबसे भयानक त्रासदी का पहला अध्याय लिखा जा चुका था।
भारत में कोरोना रूपी दुर्दात आपदा केरल से शुरू होकर उत्तर प्रदेश तक आ पहुंची। ईरान से लौटे गाजियाबाद के एक व्यक्ति को कोरोना संक्रमित पाया गया।
जब अमेरिका जैसे विकसित देश की कमर कोरोना महामारी ने तोड़ दी हो तब उत्तर प्रदेश जैसे विशाल आबादी वाले राज्य में कोरोना पर काबू पाने के लिए एक विस्तृत, सृदृढ़ और दीर्घकालीन रणनीति की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार ने इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया।
जनता कफ्र्यू और लाॅकडाउन का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कहते है कि ‘‘उत्तर प्रदेश जैसे विशाल आबादी वाले प्रदेश के सामने कोरोना से निपटने के लिए चुनौतियां बहुत थी लेकिन केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, जनता और कोरोना वारियर्स के टीम वर्क से हम कोरोना संकट से निपटने में सफल रहे।’’
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश-दुनिया में काफी तबाही मचायी, जाने कितने ही लोग काल के गाल में समा गये साथ ही अर्थव्यवस्था व रोजगार पर भी इसका बुरा असर पड़ा।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में 3टी की विशेष रणनीति कोरोना नियंत्रण के लिए अपनाई गयी है। टेªसिंग, टेस्टिंग एवं ट्रीट की इस नीति के अन्तर्गत जांच का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को ट्रैक कर उनके समुचित उपचार की व्यवस्था की गयी है। 3टी की विशेष रणनीति में एक कदम आगे बढ़कर आंशिक कोरोना कफ्र्यू तथा टीकाकरण अभियान को भी जोड़ा गया है।
आंशिक कोरोना कफ्र्यू में जान भी जहान भी के ध्येय वाक्य के साथ औद्योगिक गतिविधियां, आर्थिक गतिविधियां, कृषि से सम्बन्धित खाद, बीज, उपकरणों की मरम्मत तथा आजीविका से जुड़ी दुकाने भी खुली रखी गयी थी।जान के साथ जीविका बचाने का प्रयास लगातार जारी है। प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने में खासी सफलता मिली है उदाहरण के तौर पर कोरोना संक्रमण दूसरे राज्यों और उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से बराबर वाले दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में काफी कम है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री जी स्वयं कमान सम्हाले हुए है जिसमें टीम-9 उनके साथ सक्रिय भूमिका निभा रही है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड-19 के लिए चलाये जा रहे अभियान की ग्राउण्ड लेवल समीक्षा एवं निरीक्षण 40 जनपदों एवं 18 मण्डलों का भ्रमण करके किया गया।
कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए निगरानी समितियों द्वारा घर-धर जाकर संक्रमण की जानकारी जुटाई जा रही है इसके तहत 97000 ग्रामीण पंचायतों में 5 मई, 2021 से एक विशेष अभियान चलाकर 80 हजार निगरानी समितियों द्वारा एन्टीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के साथ साथ लगभग 12 लाख से अधिक मेडिकल किटों का वितरण भी किया गया हैं ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग पर विशेष जोर दिया जा रहा है गौरतलब है 31 मार्च से अब तक 65 प्रतिशत कोविड टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए है।
प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी कर ली है इसके तहत आॅक्सीजन की व्यवस्था तथा टीकरण पर प्रमुखतः से ध्यान केन्द्रित किया गया है।
हलांकि प्रदेश में आॅक्सीजन समुचित मात्रा में उपलब्ध है फिर भी तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए 427 आॅक्सीजन प्लाण्ट अस्पतालों में लगाए जा रहे है जिसमें से 83 प्लाण्ट क्रियाशील हो चुके है। सभी मेडिकल काॅलेजों में 100-100 बेड पीआईसीयू के, हर जिला अस्पताल में 20-20 बेड पीआईसीयू के और कम से कम दो सीएसी में पीकू/नीकू बेड बढ़ाने के साथ सभी सीएचसी 20-20 आॅक्सीजन कंसट्रटेर भी उपलब्ध कराये जा रहे है।
कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में टीकाकरण एक अहम हथियार के रूप में साबित हुआ है।
प्रदेश में टीकाकरण का प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी द्वारा इस माह 06 लाख तथा अगले माह से 10 लाख प्रतिदिन टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। तीन महीनों में 10 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अभिभावक स्पेशल अभियान के तहत 12 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण किया जा रहा है। इसी तरह महिला स्पेशल अभियान के तहत पिंक बूथ बनाकर महिलाओं का टीकाकरण कराया जा रहा है, साथ ही जनता के अधिकाधिक सम्पर्क में आने वाले लोग जैसे रिक्शा, टैम्पों व बसचालक, रेहड़ी, पटरी दुकानदारों, फल-सब्जी बिक्रेता का विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा हैं।
हलांकि कोरोना महामारी ने देश-दुनिया व प्रदेश को खासा प्रभावित किया है लेकिन मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में प्रदेश कोरोना पर पूरी तरह नियंत्रण करने में सफल रहा है साथ ही प्रदेश तीसरी लहर का सामना करने को पूरी तरह तैयार है।