इतने सारे लोगों की दुआएं मेरे साथ थीं, इन्हीं दुआओं ने मुझे जिताया है। यह कहना था टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजैेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा। अपने 1:25 मिनट के संबोधन में नीरज ने अपनी एतिहासिक जीता का श्रेय गांव खंडरा, पानीपत समेत देश के लोगों और उनके प्यार को दिया। उनकी यह विनम्रता मौजूद लोगों को छू गई। यह मौका था ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद मंगलवार को पहली बार और बीते एक साल में तीसरी बार अपने गांव खंडरा आने का। जहां नीरज मौजूद लोगों का बारंबार अभिवादन करते नहीं थके।
नीरज ने गांव खंडरा में टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर कहा कि खिलाड़ी मेहनत करता है, खेलता है। ओलंपिक में दुनिया भर से बहुत से खिलाड़ी आए थे। सभी खिलाड़ियों ने मेहनत की थी। उनसे भी अच्छे कई खिलाड़ी थे, लेकिन मेरे साथ आप लोगों की दुआएं थीं। इतने सारे लोगों की दुआएं थीं। इन्हीं दुआओं ने ही ओलंपिक में उन्हें जिताया है। साथ ही नीरज ने कहा कि आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। उन्होंने पहले भी कहा है और अभी भी यही कह रहे हैं कि यह पदक सिर्फ उनका नहीं है। इसमें आप सभी की दुआएं हैं और आप सभी का प्यार है, इसीलिए यह पदक पूरे देश का है।
मेरा भाषण तो इतना बढ़िया नहीं है, पर मैं कोशिश करूंगा
अभिवादन के लिए गांव में पहुंचे सैकड़ों लोगों को संबोधित करने के लिए जब बारी आई तो नीरज ने कहा कि नमस्कार जी! सभी को नमस्ते! मेरा भाषण तो इतना बढ़िया नहीं है, पर मैं कोशिश करूंगा। आप लोगों के सामने बोलने की थोड़ी कोशिश करूंगा। उन्होंने कहा कि मंच पर बैठे बड़े-बड़े खिलाड़ी और बड़े-बड़े लोगों का धन्यवाद। इसके बाद लोगों से बोले कि आप इतनी गर्मी में खड़े हैं, मुझे देख रहे हैं, मेरे लिए यहां पर आए हैं, यहां पर आने के लिए आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।
गर्मी बहुत है, पानी पीते रहें, मेरी तरह बीमार मत हो जाना
साथ ही नीरज चोपड़ा ने लोगों से इजाजत लेते हुए कहा कि बस यही बोलना चाहूंगा कि थोड़ी तबीयत खराब है, शायद सभी से तो नहीं मिल पाऊंगा, लेकिन सभी अच्छे से खाना खाकर जाएं। सभी अपना ध्यान रखें, क्योंकि गर्मी बहुत ज्यादा है। पानी पीते रहें और मेरी तरह बीमार मत हो जाना।